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लखनऊ में ईमान दस्ता की हुई स्क्रीनिंग, फिल्म में गलियों की कहानी... - SCREENING OF FILM IMAAN DASTA

फिल्म ईमान दस्ता लखनऊ की एक कहानी पर आधारित है, फिल्म राजधानी के गलियों को दर्शाता है.

लखनऊ में ईमान दस्ता की हुई स्क्रीनिंग
लखनऊ में ईमान दस्ता की हुई स्क्रीनिंग (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 9:09 AM IST

Updated : Feb 6, 2025, 11:06 AM IST

लखनऊ: राजधानी के कैसरबाग स्थित सलेमपुर हाउस में फिल्म ईमान दस्ता की स्क्रीनिंग हुई. इसमें डायरेक्टर से लेकर तमाम एक्टर और लखनऊ के लोग ने खूब लुत्फ उठाया. फिल्म लखनऊ की एक कहानी पर आधारित है, जो बेहद दिलचस्प है. फिल्मी सफर की शुरुआत हमारी गली, हमारी दुनिया से हुई, जो लखनऊ की गलियों की धड़कनों को कैद करती है. इसके बाद कहानी हर मोड़ पर ने इन गलियों के बाशिंदों की आंखों से उनके अतीत और वर्तमान को दर्शाया. खास बात यह रही कि लखनऊ की एकमात्र महिला डाकिया, रेणु गुप्ता, इस फिल्म का हिस्सा बनीं.


फिल्म में कोहिनूर के किरदार अदा करने वाले संदीप यादव ने कहा कि यह कोई साधारण फिल्म नहीं है. संवादों और कहानी की सीमाओं से परे, धुशोर एक सिनेमाई निबंध था, जिसने दर्शकों को अपने अंदर झांकने पर मजबूर कर दिया. एक यात्री की नजर से देखी गई दुनिया को मोंटाज, प्राकृतिक ध्वनियों और दृश्यात्मक शिल्प के जरिए प्रस्तुत किया गया. फिल्म ने 2024 मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में NFDC व्यूइंग रूम में भी अपनी जगह बनाई थी.


इमामदस्ता: हास्य, भ्रम और रोमांच का संगम:फिल्म के निर्देशक रिजवान सिद्दीकी ने बताया कि जब दो बेरोजगार रूममेट्स, मनोज और फिरोज, अनजान लोगों – महमूद और जानिसार से मिलते हैं, तो एक हल्की-फुल्की मुलाकात कैसे पागलपन और भ्रम में बदल जाती है. यही इमामदस्ता की कहानी थी. हंसी-मजाक और तेज-तर्रार पटकथा ने दर्शकों को बांधे रखा है.

लखनऊ में ईमान दस्ता की हुई स्क्रीनिंग (Video Credit; ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि जितने भी अभिनेता ने इस फिल्म में एक्टिंग की है, उनके साथ मैं जीता हूं, सभी लोगों के साथ हमने काम किया है. हमें पता है कि किस किरदार को कौन बेहतर अदा कर सकता है. इस फिल्म का नाम ईमान दस्ता इसलिए रखा, क्योंकि जब मैं छोटा था तो हमारे घर के पास एक चाचा रहते थे. वह चाट का कारोबार करते थे. सुबह उठकर के इमाम दस्ते में मसाला कोटा करते थे. वह मसाले की कुटाई आज भी हमारे दिमाग में और इस फिल्म में जो भी हीरों हैं, उनकी कुटाई हो रही है. जिंदगी में कूटे जा रहे हैं. मुझे बहुत दिलचस्प लगा और यही वजह है कि इस फिल्म का नाम ईमान दस्ता रखा. क्योंकि लखनऊ के तमाम किरदार को इसमें दर्शाया गया है.


उन्होंने बताया कि यह फिल्म किसी एक कि नहीं है, बल्कि सभी किरदारों का हैं. यह मुकम्मल फिल्म पूरे लखनऊ के लोगों पर पूरी देसी फिल्म है, जिसे लखनऊ का फिल्म कह सकते हैं. लखनऊ के लोगों को यह फिल्म देखनी चाहिए. उन्होंने बताया कि लखनऊ अपनी तहजीब और अदब के लिए दुनिया भर में मशहूर है. लखनऊ में ऐसे लोग भी अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं, जो बहुत बड़ा काम नहीं कर रहे हैं. बैठकर छोटे-मोटे काम करके अपनी जिंदगी गुजर रहे हैं, लेकिन उनकी जिंदगी बहुत दुर्लभ पुर लुत्फ होती है. यह फिल्म सीमित संसाधनों में बनी है, लेकिन बहुत कमाल की फिल्म है. अगर लखनऊ का फ्लेवर जानना है तो लखनऊवा फिल्म जरूर देखना चाहिए. अभिजीत सरकार जो एल आई ओ अधिकारी का किरदार अदा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि इस कैरेक्टर के जरिए जो ह्यूमर वह बहुत ही अनोखी है.



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Last Updated : Feb 6, 2025, 11:06 AM IST

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