लखनऊ : परिवहन विभाग के चेकिंग दस्तों की गाड़ियों को अब जीपीएस से लैस किया जाएगा. परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने इसके आदेश दिए हैं. इसका उद्देश्य यह है कि अफसरों की फील्ड पर न जाने की शिकायतों को दूर किया जा सके और चेकिंग की वास्तविक स्थिति का पता चल सके. जीपीएस की मदद से चेकिंग अधिकारियों की पोजीशन ट्रैक की जा सकेगी, जिससे लापरवाही करने पर कार्रवाई तय होगी.
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के प्रवर्तन दस्तों के अधिकारियों को इंटरसेप्टर समेत कई तरह के वाहन उपलब्ध कराए गए हैं. इसके बावजूद अधिकारी चेकिंग के लिए फील्ड में जाते ही नहीं हैं. इससे टैक्स वसूली प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही अनफिट वाहनों पर कार्रवाई न होने से सड़क दुर्घटनाएं भी कम नहीं हो रही हैं. इतना ही नहीं जांच के दौरान प्रवर्तन दस्तों पर अक्सर रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं. हाल ही में दिल्ली हरियाणा सीमा पर तैनात एक अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आया है.
ऐसे में (Global Positioning System) यानी जीपीएस के जरिए अधिकारियों की लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी. उन्हें जीपीएस के आधार पर ही अपनी कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी परिवहन आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा. परिवहन विभाग के RTO प्रवर्तन, ARTO प्रवर्तन और PTO की गाड़ियों में जीपीएस लगाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है.
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह का कहना है कि सभी प्रवर्तन अधिकारियों के वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा. जिससे उनकी वास्तविक लोकेशन चेकिंग के दौरान ट्रेस की जा सकेगी. चेकिंग दस्ते जब सड़क पर उतरकर ईमानदारी से अभियान चलाएंगे तो फिर सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. बकाया टैक्स में दौड़ रहे वाहनों से टैक्स वसूला जा सकेगा.
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