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'जिस देश से पैसा लाना चाहते हैं, वो खुद है परेशान', CM नीतीश कुमार के विदेश दौरे पर प्रशांत किशोर का तंज

Jan Suraj Yatra In Saharsa: सहरसा में जन सुराज यात्रा के तहत प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार के स्कॉटलैंड दौरे पर जमकर तंज कसा है. इस दौरान उन्होंने लोगों से ये भी कहा कि वो अभी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 6, 2024, 8:08 AM IST

नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर का तंज

सहरसा:बिहार के सहरसा में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर इन दिनों वर्तमान व्यवस्था परिवर्तन के अभियान के तहत विभिन्न प्रखंडों में पदयात्रा कर रहे हैं. इसी कड़ी में बख्तियारपुर प्रखण्ड क्षेत्र में उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के विदेश दौरे पर जमकर तंज कसा है. तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 18 साल बाद नीतीश कुमार विदेश दौरा पर जा रहे हैं और वो भी इनवेस्टमेंट लाने के लिए स्कॉटलैंड जा रहे हैं. स्कॉटलैंड में जौसे कोई बड़ा निवेशक है जो उनके लिए यहां इनवेस्टमेंट करेगा.

स्कॉटलैंड है खुद परेशान: प्रशांत किशोर ने कहा कि स्कॉटलैंड मेडिकल कॉलेज के लिए जाना जाता है. वहां लोग मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते थे. कुछ दिन पहले उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जापान गये थे, वहां से कितने पैसे आए. वहीं उन्होंने कहा कि स्कॉटलैंड ऐसा देश है जिसके चुनावी यात्रा के लिए लोग अमेरिका और यूरोप जाते हैं. स्कॉटलैंड में कौन सा सरप्लस कैपिटल है जहां से वो पैसा लाना चाहते है. वो देश खुद ही परेशान है, वहां सबसे ज्यादा बेरोजगारी है और अब बेईमानी बढ़ गई है.

"2008 के वैश्विक आर्थिक मंदी का जो दौर आया था उसमें स्कॉटलैंड जैसे देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ थे. वो जहां जा रहे हैं मैं जानना चाह रहा हूं कि किस वजह से जा रहे हैं. वह जगह इन्वेस्टमेंट के लिए नहीं बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र के लिए जाना जाता है. फिलहाल वो देश खुद ही परेशान है."-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

प्रशांत किशोर नहीं लड़ रहे चुनाव: वहीं जब प्रशांत किशोर ने आगामी लोकसभा चुनाव वाल्मीकिनगर से लड़ने की बात पर कहा कि उन्होंने जो घोषणा एक बार कर दी है, वो उससे पीछे नहीं हो सकते हैं. 2017-18 में उन्होंने घोषणा करते हुए कहा थी कि किसी भी परिस्थिति में वो चुनाव नही लड़ सकते न लोकसभा व राज्यसभा में जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस राज्य से कहा जाएगा वो वहां से चुनाव लड़कर सदन में चले जायेंगे. कोई पार्टी उन्हें जीता कर भेज देगी, लड़ने की कोई जरूरत ही नहीं है. हालांकि वो फिलाहाल कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

चुनाव से नहीं है कोई मतलब: उन्होंने साफ कहा कि चुनाव लड़ना होता तो पदयात्रा करने की क्या जरूरत होती. वो बंगाल से लड़ जाएंगे, आंध्रा से लड़ जाएंगे कहीं से भी लड़ जाएंगे बिना मेहनत के दूसरे लोगों को जीता कर भेज देंगे. हालांकि उन्हे किसी दल और राजनीति चुनाव से कोई मतलब नहीं है. वो दल नहीं बनाएंगे, 18 महीने से चल रहे है अगर चुनाव लड़ना होता तो बिहार में एक दिन में दल बना लेते. उनके जीवन का लक्ष्य है बिहार में सुधार और इसमे पांच वर्ष लगे, 10 वर्ष लगे या 20 वर्ष लगे वो पीछे नहीं हटेंगे.

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