सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में नागरिक आपूर्ति निगम विभाग की एक बड़ी लापरवाही फिर सामने आई है. जहां करीब 8 करोड़ रुपए का चावल शिवपुरी जिले में भेजा गया था. भेजे गए चावल में से करीब 3 करोड़ 68 लाख रुपए का चावल अमानक स्तर का निकला, यानी उस चावल की स्थिति ऐसी है कि उसे पशु भी नहीं खा सकते हैं. नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी इस मामले पर अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
सतना से शिवपुरी भेजा गया खराब चावल ?
सतना जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल, हाल में ही नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा 26 और 27 जून को सतना जिले से रैक बनाकर 52,000 बोरियों में 26 हजार क्विंटल चावल शिवपुरी जिले में भेजा गया था, लेकिन जब 1 जुलाई को शिवपुरी में इस चावल की रैक लगी तो अधिकारी-कर्मचारी चावल को देखकर हक्का-बक्का रह गए, जिसमें चावल के हालात बद से बदतर थे. अधिकारियों ने जब चावल की बोरी खुलवाई तो चावल पूरी तरीके से सड़ चुका था और उसमें घुन लग गया था. हालत ये हो गई थी कि बोरियां खोलने के बाद उसमें दुर्गंध आ रही थी और जब पूरा चावल खाली कराया गया तो पता चला कि 52,000 बोरियों में से 24,000 से अधिक बोरियों का चावल पूरी तरीके से खराब हो चुका था, यानी 40 फ़ीसदी चावल सही नहीं था. इसके बावजूद उसे सतना से शिवपुरी भेज दिया गया.
कराई जाएगी मामले की जांच
इस मामले पर शिवपुरी जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी ने सतना जिला नागरिक आपूर्ति निगम की लापरवाही मानी है. वहीं सतना जिले के वरिष्ठ सहायक नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी अतिव श्रीवास्तव से बात की गई. उन्होंने बताया कि ''26-27 तारीख को सतना से शिवपुरी के लिए 26 हजार क्विंटल अच्छी क्वालिटी और गुणवत्तायुक्त चावल भेजा गया है. रैक में जब इसे भेजा गया था, तब चारों तरफ से पन्नी बिछाकर और दरवाजों को पूरी तरीके से पैक करके भेजा गया था, क्योंकि बरसात का सीजन है और कहीं भीगे ना और जब यहां से चावल भेजा गया था, तब यहां पर बारिश नहीं हो रही थी और उसके बाद हमें मालूम नहीं क्योंकि 26 और 27 जून को यहां से गाड़ियां भेजी गई थी, लेकिन बीच में गाडियां कहां खड़ी हुई हैं, कैसे खड़ी हुई हैं, इसकी जानकारी अपने को नहीं है.''