पटना: 19 दिसंबर को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था. इस पत्र के जरिए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि बीजेपी ने संसद में बाबा साहब का अपमान किया है. लोगों को लगता है कि बाबा साहब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते. आप भी इस पर विचार करें. इस पत्र को लेकर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला किया है.
अरविंद केजरीवाल के पत्र पर जेडीयू का जवाब:जेडीय के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केजरीवाल के पत्र का जवाब दिया है और उस पत्र को सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया है. संजय झा ने कहा कि आपकी असली पीड़ा मैं समझ सकता हूं, आपका दर्द है कि उस दिन सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने आपके गठबंधन के नेता, उनकी पार्टी और उनके परिवार की कलई खोल रहे थे.कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने बाबा साहब के साथ जो दुर्व्यवहार किया, वह अक्षम्य है.
"हमारे नेता, बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बाबा साहब के पदचिह्नों पर चलते हुए बिहार में दलितों और पिछड़ों के लिए जो किया है, आप और आपके गठबंधन के नेता उसे करने की कल्पना भी नहीं कर सकते. मेरा आग्रह है कि देश की प्रगति के प्रति दुराग्रह छोड़िए और सकारात्मक सोच रखिए. इस देश का संविधान बहुत मजबूत है."- संजय झा, कार्यकारी अध्यक्ष, जेडीयू
'अरविंद केजरीवाल ने नहीं दिया साथ'-संजय झा:संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार से सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन जब हम इंडिया गठबंधन में थे तो पटना के कार्यक्रम से अरविंद केजरीवाल भाग गए थे. जातीय जनगणना पर बिहार अकेला प्रदेश है जिसने सर्वे किया. नीतीश कुमार बार-बार इस मुद्दे को उठाते थे लेकिन उन्होंने कभी भी इसका समर्थन नहीं किया. जो बिहार के लोग दिल्ली में रहते हैं उनके साथ क्या किया था याद होगा. कोरोना जब चल रहा था तो सबको बस में भर-भरकर बॉर्डर में लाकर छोड़ दिए थे.
'कोरोना के समय बिहार के लोगों को निकाल दिया': उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से बिहार लोग पैदल चलकर आए थे. पूर्वांचल और बिहार के लोग जो दिल्ली में रहते थे, सबको बस में भरकर दिल्ली के बॉर्डर में छोड़ दिया, ये केजरीवाल जी का ही काम था. नीतीश कुमार ने सबको कैंप लगाकर रखा और अकाउंट में एक-एक हजार रुपये दिए. केजरीवाल ने दलित, पिछड़ों में से किसको राज्यसभा भेजा है. नीतीश जी ने मौका मिला तो अपनी जगह बिहार में महादलित मुख्यमंत्री बनाया था.
"मैं उस दिन सदन में मौजूद था. अमित शाह जी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को लेकर बोल रहे थे और कांग्रेस की कलई खोली जा रही थी. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को लेकर कांग्रेस ने क्या किया, यह बात वह बोल रहे थे. यहां तक की बाबा साहब को भारत रत्न देने का काम कांग्रेस के लोगों ने कभी नहीं किया. 40 साल तक कांग्रेस ने राज किया सिर्फ अपने नेताओं को भारत रत्न दिया. जब केंद्र में विपक्ष की सरकार बनी, उस सरकार में हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंत्री थे. उस समय बाबा साहब को भारत रत्न देने का काम किया गया."-संजय झा, कार्यकारी अध्यक्ष, जेडीयू
अरविंद केजरीवाल का नीतीश को पत्र:अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि मैं आपको (नीतीश कुमार) यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लिख रहा हूं, जो न केवल हमारे संविधान बल्कि बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. हाल ही में संसद में, देश के गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा बाबासाहब के नाम पर की गई टिप्पणी ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. बाबा साहब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं. बीजेपी के इस बयान के बाद लोग चाहते हैं कि इस मसले पर आप भी गहराई से विचार करें.