शिमला: हिमाचल में इन दिनों राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली की मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला चर्चा में है. आखिर कैसे एक मारपीट की घटना से बवाल मचा गया और मामला राज्य की विधानसभा तक में गूंज गया. ये जानना भी दिलचस्प होगा कि आखिर इस मामले में सत्ता पक्ष कांग्रेस के ही नेताओं के विचारों में दरार क्यों देखने को मिली?
क्या है मामला?
दरअसल, शिमला के मल्याणा क्षेत्र में विक्रम सिंह नामक 37 साल के व्यक्ति के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की. झगड़े में विक्रम सिंह के सिर में गंभीर चोटें आई और 14 टांके लगे. ढली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को दबोच लिया. आरोपियों में दो तो नाबालिग थे. विक्रम सिंह की तरफ से ढली थाना में दर्ज की गई रिपोर्ट में बताया गया कि वो 30 अगस्त की रात साढ़े आठ बजे अपना लोक मित्र केंद्र बंद कर घर जा रहा था कि वहां एक लड़का शोर मचा रहा था. विक्रम ने उसे रोका तो वहां मोहम्मद गुलनवाज अपने अन्य साथियों के साथ आया और विक्रम को घेर कर मारपीट करने लगे. एक लड़के ने डंडे से सिर पर प्रहार किया. विक्रम ने शिकायत में कहा कि गुलनवाज और उसके साथियों ने जयपाल व राजीव शर्मा नामक लोगों से भी मारपीट की.
5 आरोपी यूपी से और 1 उत्तराखंड से
ढली पुलिस ने घायल लोगों का मेडिकल करवा लीगल केस बनाकर इलाज करवाया. पुलिस के अनुसार मामले में छह आरोपियों की पहचान की गई. उनमें से दो नाबालिग हैं. पुलिस के अनुसार आरोपियों में गुलनवाज आयु 32 साल, सारिक आयु 20 साल, सैफ अली आयु 23 साल, रोहित आयु 23 साल और दो नाबालिग शामिल हैं. इनमें रिहान उत्तराखंड का और बाकी सभी यूपी मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. नाबालिगों को उनके अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया गया है.
शनिवार को होगी मस्जिद से जुड़े केस की सुनवाई
मामले की जांच एएसपी रैंक के अधिकारी रतन सिंह नेगी की निगरानी में हो रही है. पुलिस ने इसे स्थानीय दुकानदारों व बाहरी राज्य के समुदाय विशेष के लोगों के बीच आपसी बहसबाजी व लड़ाई का मामला पाया, लेकिन स्थानीय लोग ऐसा नहीं मानते हैं. उनका आरोप था कि वारदात करने के बाद ये मस्जिद में आकर छिप गए. उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग की गई. मौके पर आए डीसी शिमला, एसपी शिमला व नगर निगम कमिश्नर ने किसी तरह गुस्साए लोगों को समझाया और कहा कि शनिवार को मस्जिद से जुड़े केस की सुनवाई कमिश्नर कोर्ट में होगी, तब तक प्रदर्शन न किया जाए.