सागर: आपको अचरज होगा कि गोबर से सजावटी की ऐसी चीजें भी इन दिनों बन रही हैं, जिनकी डिमांड देश में होने के साथ-साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी हो रही है. खास बात यह है कि यह प्रोडक्ट सागर में गरीब तबके की महिलाएं बना रही हैं. जिनके जरिए उन्हें रोजगार हासिल हो रहा है और पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है. एक सामाजिक संस्था की पहल पर गोबर से दीवार घड़ी से लेकर मूर्तियां, शुभ-लाभ, दीप, श्री यंत्र, मालाएं जैसी चीजें बनाई जा रही हैं. इस बार इन महिलाओं ने करीब 5 हजार घड़ियां गोबर से तैयार की हैं और इनकी इतनी डिमांड है कि 4 हजार से ज्यादा घड़ियां बिक चुकी हैं. खास बात ये है कि सामाजिक संस्था द्वारा इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी व्यवस्था की गई है. ऐसे में देश के चुनिंदा शहरों और विदेश से भी उनकी मांग आ रही है.
कैसे तैयार होते हैं गोबर से उत्पाद?
गोबर से तैयार होने वाले उत्पादों में 70% गोबर और 30% मिट्टी का उपयोग किया जाता है. पहले इन्हें पाउडर की तरह बारीक दिया जाता है और फिर इनका मिश्रण तैयार किया जाता है. मिश्रण तैयार किए जाने के बाद इनको अलग-अलग आकार दिए जाते हैं और फिर इनको प्राकृतिक रंगों के जरिए सजाया जाता है. खास बात ये है कि इन उत्पादों को तैयार करने और सजाने में किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है. जानकार कहते हैं कि गोबर से बने उत्पाद और सामग्री घर में नकारात्मकता को दूर करते हैं और वास्तु में सुधार करते हैं.
पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का प्रयास
दरअसल, पर्यावरण संरक्षण के साथ महिला कल्याण के लिए काम करने वाली विचार सामाजिक संस्था द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है. इसमें शहर की गरीब तबके की करीब 750 महिलाओं को जोड़ा गया है. अध्यक्ष सुनीता जैन अरिहंत ने बताया, '' समिति से जुड़ी हर महिला आत्मनिर्भर होने के साथ सशक्त हो रही है. इन महिलाओं को संस्था द्वारा पहले प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर कच्चा माल उपलब्ध कराकर उनसे उत्पाद तैयार कराए जाते हैं.''