ग्वालियर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एम्स का मेगा हेल्थ कैम्प आयोजित किया गया है. प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल से लगे लगभग 19 जिलों से मरीज इस स्वास्थ्य शिविर में चेकअप कराने पहुंच रहे हैं. हालांकि तीन दिवसीय इस कैम्प का औपचारिक उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार शाम को करेंगे.
ग्वालियर के फिजिकल यूनिवर्सिटी LNIPE परिसर में आयोजित इस मेगा हेल्थ कैम्प में करीब 40 हजार से ज्यादा मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. साथ ही तात्कालिक व्यवस्था के तहत मौके पर भी आने वाले मरीजों को रजिस्ट्रेशन सुविधा मुहैया कराई जा रही है. इस मेगा हेल्थ कैम्प में भोपाल एम्स द्वारा 22 विभागों से 180 डॉक्टर्स की टीम आई हुई है, जो अलग-अलग बीमारियों से जुड़े मरीजों के लिए ओपीडी लगा रहे हैं.
एम्स के 180 डॉक्टर्स कर रहे शिविर में इलाज
एम्स के इस मेगा कैंप के संयोजक और ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि, "इस स्वास्थ्य महाशिविर में भोपाल एम्स के डायरेक्टर अपने 180 डॉक्टर्स की टीम के साथ आए हैं. अब तक 40,000 रजिस्ट्रेशन मरीजों के हो चुके हैं. अभी दो दिन बाकी हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाले समय में ये रजिस्ट्रेशन की संख्या और बढ़ेगी. मरीजों का हेल्थ चेकअप भी होगा और इलाज भी किया जाएगा. सीरियस मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं होगा. उन्हें एम्स भोपाल में इलाज दिया जाएगा. एडमिट की जरूरत होगी, तो वहां एडमिट भी कराया जाएगा.
डॉक्टर्स के साथ विशेष जांच मशीने भी एम्स से आईं
एम्स के इस मेगा हेल्थ कैंप को लेकर भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि, "मध्य प्रदेश में अब तक लगाए गए एम्स द्वारा हेल्थ कैंप में ग्वालियर में आयोजित शिविर सबसे बड़ा कैंप है. यहां स्थानीय तौर पर भी मरीजों के इलाज के लिए स्थानीय डॉक्टर्स को भी व्यवस्थित किया जाएगा. जो इनका इलाज कर सकेंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र में भोपाल एम्स की ओर से फाइब्रोस्कैन समेत कई महत्वपूर्ण मशीन भी लाई गई है. जिससे मरीजों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े."
ग्वालियर के मरीजों को भोपाल में इलाज की विशेष व्यवस्था
भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर अजय सिंह ने यह भी बताया कि "स्वास्थ्य शहर में वैसे तो सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन फिर भी जब गंभीर मरीज जिनका इलाज शिविर में संभव नहीं है. ऐसे मरीजों को जिन्हें एम्स में भोपाल बुलाना आवश्यक है, उन्हें गुलाबी रंग का विशेष भत्ता दिया जा रहा है. जिसकी ग्वालियर से जाने वाले इन मरीजों को विशेष व्यवस्था के तहत भोपाल में इलाज दिया जा सके.