जयपुर: 'हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने' को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान के बाद अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. इस बीच प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास ने भागवत के बयान पर खुलकर समर्थन में उतर आए हैं. दास ने यहां तक कह दिया कि भागवत के बयान की विवेचना नहीं कर सकते. उन्होंने जो कह दिया, उसकी सिर्फ और सिर्फ पालना करनी है.
मोहन भागवत का बयान आदेश : प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत हमारे प्रेरणा के स्रोत रहे. संघ की विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा एक जैसी है. जहां तक संघ प्रमुख के बयान की बात है तो जो वह कहते हैं और करते हैं, वह हमारे लिए सामान्य होता है. उसे हम अपने व्यवहार में उतारते हैं.
दास ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं, साथ मे मूलतः एक स्वयंसेवक हूं. हमारे सरसंघचालक मोहन भागवत ने जो कह दिया, उसकी विवेचना नहीं करते हैं, उनके आदेश की पालन करते हैं और स्वयंसेवक इसलिए पहचाना जाता है. उन्होंने जो कहा, उसे मानना है. वो आदर्श भूमिका है. मोहन भागवत का एक-एक शब्द हमारे लिए आदेश होता है और इस बात को सार्वजनिक कहने में कोई संकोच भी नहीं है. वहीं, हमारे राजनीतिक आदर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने पूरी जीवन पार्टी और देश के लिए समर्पित किया है. पीएम मोदी हमारे आदर्श के रूप में हैं. मोदी आज पूरी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं. वह जो काम कर रहे हैं वह सोच समझ कर कर रहे हैं. हमें उनके आदर्शों पर ही काम करना है.
जिलों का फैसला राजनीति द्वेष से नहीं : जिलों की कटौती पर राधामोहन दास ने कहा कि जिलों की जिस तरह से घोषणा की गई थी, वह पूरी तरह से राजनीतिक घोषणा थी. पूर्व सीम अशोक गहलोत बताना चाहते हैं कि सरकार सिर्फ राजनीतिक शोषण के लिए होती है. उन्होंने जिस प्रकार से जिलों की घोषणा की, वह सब राजनीतिक घोषणा थी. उनका कार्य प्रणाली का कोई सिद्धांत नहीं था. जिले जनता के हित के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसका ध्यान नहीं रखा. जब उन्होंने जिले बनाने की घोषणा की, उस व्यक्त वे स्वयं भी ईमानदार नहीं थे. जिस जिले के भवन तक नहीं बने, वहां पर अधिकारी पोस्ट नहीं और वहां पर जिल बना दिया.