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जलस्तर में कमी के बावजूद कोसी-गंडक और बागमती कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर, दियारा इलाकों में कटाव - Bihar Flood

Bihar Rivers Water Level: बिहार में मानसून सुस्त होने और नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी बारिश नहीं होने का असर नदियों पर भी दिख रहा है. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार अधिकांश नदियों का जलस्तर घटने लगा है. हालांकि इसके बाद भी गंडक, बागमती और कोसी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

Bihar Flood
बिहार में नदियों का जलस्तर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 17, 2024, 12:43 PM IST

पटना:बिहार में नदियों का जलस्तर घटने लगा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा नदी कहलगांव में गंगा नदी खतरे के निशान से 61 सेंटीमीटर नीचे है. वहीं साहिबगंज में गंगा नदी 74 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे है. गंडक नदी गोपालगंज के डुमरिया घाट में 96 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं, मुजफ्फरपुर के रेवा घाट में गंडक नदी 28 सेंटीमीटर ऊपर है.

सभी नदियों के जलस्तर में कमी: बागमती नदी मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में 90 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है. कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर है. मौसम विभाग के अनुसार कोसी, महानंदा, बागमती, अधवारा और गंडक नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में साधारण से माध्यम बारिश होने की संभावना है.

बाढ़ में सड़कें डूबीं (ETV Bharat)

सभी जगहों पर गंगा खतरे के निशान से नीचे:गंगा नदी के जलस्तर में कुछ स्थानों में कमी आई है तो वही कुछ स्थानों पर वृद्धि हो रही है. पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 48.14 मीटर, गांधी घाट पर 47.55 और हाथीदह में 40.50 मीटर है. वहीं, मुंगेर में गंगा का जलस्तर 36.77, भागलपुर में 31.90 और फरक्का में 21.45 मीटर है. इन सभी जगहों पर गगा का जलस्तर खतरे के निशान से कम से कम 2 मीटर नीचे हैं.

नदियों के जलस्तर में कमी (ETV Bharat)

कई इलाकों में कटाव की समस्या:फिलहाल बिहार की नदियों का जलस्तर कई स्थानों पर घटा है लेकिन कई स्थानों पर नदियां तेजी से कटाव कर रही हैं. दियारा इलाकों में जलस्तर घटने के साथ ही लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. मौसम विभाग ने इस बार औसत से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है. ऐसे में आने वाले दिनों में मानसून की सक्रियता बढ़ने पर नदियों का जलस्तर फिर बढ़ेगा, यह तय है. ऐसे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 24 घंटे तक तटबंधों पर नजर रखी जा रही है.

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