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रविंद्र भाटी ने रिफाइनरी पर दी हरीश चौधरी को चुनौती, बोले- दोनों पार्टियां मिलकर लड़ीं, परिणाम ऐतिहासिक होगा - Ravindra singh Bhati challenge

बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी ने कांग्रेस नेता हरीश चौधरी को रिफाइनरी के मुद्दे पर बहस करने की चुनौती दी है. भाटी ने कहा कि उनके पास कई दस्तावेज हैं, जिसके आधार वे इस मामले में कहीं भी बहस करने को तैयार हैं.

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रवीन्द्र भाटी की हरीश चौधरी को रिफाइनरी पर बहस की चुनौती, बोले— दस्तावेजों के साथ बात करूंगा

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 1, 2024, 4:47 PM IST

रविंद्र भाटी की हरीश चौधरी को रिफाइनरी पर बहस की चुनौती.

जोधपुर. शिव से विधायक और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने बायतु विधायक हरीश चौधरी को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि वे अब रिफाइनरी पर बहस करने के लिए तैयार हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए रविंद्र भाटी ने कहा कि चुनाव के दौरान उन्होंने मुझसे बहस करने के लिए कहा था, लेकिन तब यह संभव नहीं था. अब मेरे पास कई तथ्य और कागजात हैं, जो में जनता के सामने भी सार्वजनिक करूंगा.

भाटी ने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा चुनाव का परिणाम ऐतिहासिक होगा. यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार दोनों मिलकर उनके खिलाफ लड़ रहे थे. यह कहा जा सकता है कि वहां 'गंगाधर ही शक्तिमान' था. उनमें चुनाव के दौरान बौखलाहट नजर आ रही थी. भाटी ने आरोप लगाया कि इस चुनाव में प्रदेश सरकार ने सरकारी मशीनरी का हर स्तर पर दुरुपयोग किया. प्रवासी लोग वोट देने आए थे, उनकी गाड़ियां सेट कर ली गई. "मेरे भाई को जैसलमेर से बाहर जाने के लिए नोटिस जारी किया गया. व्यवस्थाओं को लेकर जो प्रदर्शन किया गया. उसमें मुकदमें दर्ज कर लिए गए, लेकिन उनसे मैं डरने वाला नहीं हूं, क्योंकि मैं जनता के लिए लड़ रहा हूं".

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भाटी ने आरोप लगाया कि जब मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है तो बायतु विधायक हरीश चौधरी खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं किया गया? उन्होंने भी तो कलेक्ट्रेट परिसर में जाकर धरना दिया था, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी कांग्रेस के विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. जो यह दर्शाता है कि वहां दोनों पार्टियां मिलकर मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रही थी. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने से हमारे हौसले खत्म नहीं होंगे.

आमीन खान ने मिसाल कायम की: रविंद्र सिंह ने कहा कि इस चुनाव में क्षेत्र के कद्दावर नेता अमीन खान ने "मेरे जैसे 26 साल के युवा को समर्थन दिया. इसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. क्योंकि वे जानते हैं कि अब उस क्षेत्र को मेरे जैसे युवा की जरूरत है. उन्होंने मुझे अपना बेटा कह कर मेरा साथ दिया. उन्हें पता है कि मैं सरहद पर भाईचारा सुरक्षित रख सकता हूं".

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