ETV Bharat / business

₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देने की हो रही तैयारी! - TAX FREE SALARY

सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 10.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स को कम करने पर विचार कर रही है.

Tax
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 27, 2024, 12:33 PM IST

नई दिल्ली: मीडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. ऐसी खबरें हैं कि सरकार इस बजट में 10.5 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर टैक्स की देनदारी कम कर सकती है. 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले आगामी बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य धीमी होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है.

वर्तमान में 3 लाख रुपये से 10.5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी से 20 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि 10.5 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.

2 व्यवस्थाओं में से चुनने का विकल्प

  • पुरानी व्यवस्था- जिसमें घर का किराया और बीमा जैसी छूट शामिल हैं.
  • नई व्यवस्था (2020)- जिसमें कम कर दरें हैं लेकिन अधिकांश छूट हटा दी गई हैं.

प्रस्तावित कटौती के माध्यम से सरकार अधिक लोगों को 2020 की स्ट्रक्चर अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है.

आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि सात तिमाहियों में सबसे कमजोर रही. साथ ही खाद्य महंगाई ने शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा दिया है, जिससे वाहनों, घरेलू सामान और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की मांग प्रभावित हुई है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो उपभोक्ताओं के पास ज्यादा खर्च करने लायक आय होगी, जिससे भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है.

सरकार का रुख
सूत्रों के अनुसार टैक्स कटौती के आकार और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने का फैसला बजट की तारीख के करीब लिया जाएगा. हालांकि वित्त मंत्रालय ने अभी तक इस प्रस्ताव या राजस्व पर इसके प्रभाव के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. माना जा रहा है कि सरकार को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई नए शासन में ज्यादा लोगों के शामिल होने से हो जाएगी.

लाभ की उम्मीदें
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो लाखों टैक्सपेयर को राहत मिलेगी. इस कदम से न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सरकार का टैक्स स्ट्रक्चर अपनाने का उद्देश्य भी पूरा होगा.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: मीडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. ऐसी खबरें हैं कि सरकार इस बजट में 10.5 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर टैक्स की देनदारी कम कर सकती है. 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले आगामी बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य धीमी होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है.

वर्तमान में 3 लाख रुपये से 10.5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी से 20 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि 10.5 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.

2 व्यवस्थाओं में से चुनने का विकल्प

  • पुरानी व्यवस्था- जिसमें घर का किराया और बीमा जैसी छूट शामिल हैं.
  • नई व्यवस्था (2020)- जिसमें कम कर दरें हैं लेकिन अधिकांश छूट हटा दी गई हैं.

प्रस्तावित कटौती के माध्यम से सरकार अधिक लोगों को 2020 की स्ट्रक्चर अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है.

आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि सात तिमाहियों में सबसे कमजोर रही. साथ ही खाद्य महंगाई ने शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा दिया है, जिससे वाहनों, घरेलू सामान और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की मांग प्रभावित हुई है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो उपभोक्ताओं के पास ज्यादा खर्च करने लायक आय होगी, जिससे भारत की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है.

सरकार का रुख
सूत्रों के अनुसार टैक्स कटौती के आकार और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने का फैसला बजट की तारीख के करीब लिया जाएगा. हालांकि वित्त मंत्रालय ने अभी तक इस प्रस्ताव या राजस्व पर इसके प्रभाव के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. माना जा रहा है कि सरकार को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई नए शासन में ज्यादा लोगों के शामिल होने से हो जाएगी.

लाभ की उम्मीदें
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो लाखों टैक्सपेयर को राहत मिलेगी. इस कदम से न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सरकार का टैक्स स्ट्रक्चर अपनाने का उद्देश्य भी पूरा होगा.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.