जयपुर: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं है. उन्हें मरुधरा में राजस्थान से विशेष जुड़ाव के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. मनमोहन सिंह छह बार राज्य सभा के सांसद रहे थे. अपने अंतिम कार्यकाल के दौरान वे 2019 में राजस्थान से निर्वाचित होकर छठवीं बार वे राज्यसभा पहुंचे थे. सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उन्हें अपने शब्दों में याद किया. पायलट ने कहा कि भारत ने अपना एक महान बेटा खो दिया है. मनमोहनजी का योगदान देश में सदैव याद रखा जाएगा. गौरतलब है कि सचिन पायलट मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे थे.
अशोक गहलोत ने भी किया याद: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वर्गीय मनमोहन सिंह को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस की सरकार के समय मनमोहन सिंह ने बगैर भेदभाव किए बजट दिया था. मनमोहन की नीतियों में राजस्थान को विशेष जगह दी गई. मनमोहन सिंह की योजनाओं और नीतियों से प्रभावित होकर अशोक गहलोत ने सीएम रहते हुए राजस्थान में सभी वैसी ही कई योजनाएं शुरू की, जिसमें एक शहरी रोजगार गारंटी योजना भी शामिल है.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का निधन देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। डॉ साहब सरल, सौम्य एवं ईमानदार के धनी थे। भारत के आर्थिक विकास, अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं दुनिया में भारत को आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में मनमोहन सिंह जी का बहुत बड़ा योगदान है। वित्त… pic.twitter.com/u8CIxmaIlk
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 26, 2024
गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह के निधन को देश के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है. उन्होंने कहा कि डॉ. साहब सरल, सौम्य और ईमानदारी के धनी थे. भारत के आर्थिक विकास, अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं दुनिया में भारत को आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. गहलोत में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री के रूप में आपके कार्यकाल में राजस्थान को विशेष सहयोग मिला, जिससे कारण पचपदरा रिफाइनरी जैसी बड़ी सौगात मिली. उनके कार्यकाल को अधिकार आधारित राजनीति की शुरुआत के लिए भी याद रखा जाएगा.
चौमूं के आष्टी कला गांव को लिया था गोद: पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह 19 अगस्त 2019 से 3 अप्रैल 2024 तक राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री 1991 में सबसे पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे. वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद मदन सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर निर्विरोध सांसद चुने गए थे. खास बात रही कि उनके सम्मान में भारतीय जनता पार्टी ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. वे राजस्थान से चुनाव लड़ने वाले पहले पूर्व प्रधानमंत्री थे. राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहते हुए मनमोहन सिंह ने चौमूं के आष्टी कला गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था. इस दौरान मनमोहन सिंह ने इस गांव के विकास के लिए सांसद निधि फंड से 24 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी, जिससे गांव में विकास के कार्य कराए गए.