जोधपुर: जेल में 11 साल 7 महीने से बंद आसाराम को आखिरकार जमानत मिल गई है. मंगलवार शाम को राजस्थान उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त होने के बाद उसके वकीलों ने तेजी दिखाते हुए जेल में आदेश लागू करवाया और आसाराम को अस्पताल से रिहा करवाया. आसाराम के मंगलवार को ही आश्रम पहुंचने की सूचना उसके भक्तों और साधकों को मिल गई थी. इसके बाद आसाराम जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में पहुंचा, जहां पहले से ही भक्त उसका इंतजार कर रहे थे.
आश्रम के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाई गई थी और भक्तों में खुशी का माहौल था. आश्रम में जमकर भक्तों ने पटाखे भी फोड़े. आसाराम के रवाना होने से पहले भक्त ने लाल रंग की पगड़ी पहनाई, जिसे पहन वह अपने आश्रम पहुंचा. आसाराम की रिहाई के बाद उसे तीन चालानी गार्ड भी दिए गए हैं, जो उसकी निगरानी करेंगे. 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिलने तक वह जेल से बाहर नहीं आ सकता था. आसाराम की जमानत की याचिकाएं पहले भी खारिज हो चुकी थीं, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उसकी जमानत को मंजूरी दी, क्योंकि उसे इलाज की आवश्यकता थी.
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इंदौर से गिरफ्तार हुआ था आसाराम : बता दें कि आसाराम को 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. जब उस पर मथानिया स्थित आश्रम में एक नाबालिग शिष्या के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था. न्यायिक हिरासत में रहते हुए उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. हाल ही में जोधपुर हाईकोर्ट ने उसे उपचार के लिए पैरोल दी थी. इसके बाद आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की, जिसे मंजूर कर लिया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जोधपुर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई और मंगलवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च तक जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.