रतलाम: सोयाबीन की फसल पर मौसम की दोहरी मार के बाद बची फसल के उचित दाम न मिलने से किसान परेशान हैं. सोयाबीन किसान अब खेत में खड़ी फसल को ही नष्ट करने पर आ गए हैं. ताजा मामला बड़ावदा क्षेत्र के सामने आया है. यहां एक किसान ने अपनी सोयाबीन की खड़ी फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. किसान का कहना है कि, फसल से लागत भी मिलने की उम्मीद नहीं है, इसलिए निराश होकर उसने खेत में ही फसल को नष्ट करना उचित समझा.
फसल को खेत में ही नष्ट करने को मजबूर किसान
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान लगातार अपनी फसल के उचित दाम के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसान सोयाबीन की एमएसपी 6000 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसानों के सामने एक और संकट खड़ा हो गया है. सोयाबीन की फसल में पहले येलो मोजैक वायरस के कारण फसल का उत्पादन प्रभावित हुआ, फिर अतिवृष्टी के कारण पैदावार में काफी कमी आ गई. कई क्षेत्रों में तो सोयाबीन के पौधों पर फलियां ही नहीं बची हैं. अब हताश होकर कई किसान खेत में ही फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दे रहे हैं.
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