रामनगर:कुमाऊं और गढ़वाल के प्रवेश द्वार रामनगर स्थित स्वर्गीय रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय को करीब 4 वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर दिया था, जिसका उद्देश्य यहां पर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना था. लेकिन लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है. ऐसे में अब अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर करने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि अस्पताल के स्टाफ पर लगातार मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ बदसलूकी करने के आरोप लगते रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के रामनगर आगमन पर भी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर जनता द्वारा शिकायतें की जा चुकी हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक ओर यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था और लोगों को बेहतर इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है.
विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातार अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें मिल रही थी. पीपीपी मोड पर भी अस्पताल को संचालित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पैसा दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि लगातार शिकायतें से और जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने को लेकर सरकार ने अब इस अस्पताल को पीपीपी मोड से वापस लेने के साथ-साथ पूर्व की भांति सरकारी तंत्र पर संचालित करने का फैसला लिया है.