देहरादून: उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर स्वास्थ्य विभाग के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में बड़ी धनराशि दी गई है. बजट में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 3311 करोड़ 54 लाख 4 हजार रुपए का बजट रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग सबसे बड़ा सेक्टर है, क्योंकि विभाग प्रदेश की जनता के साथ-साथ फ्लोटिंग पापुलेशन (floating population) को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है. ऐसे में विभाग को राजस्व मद में 3226 करोड़ 21 लाख और पूंजीगत मद में 85 करोड़ 33 लाख 4 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वित्तीय वर्ष में विभागीय निर्माण कार्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भवन निर्माण के लिए 5 करोड़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए 10.00 करोड़, उपजिला चिकित्सालयों के निर्माण के लिए 25 करोड़, आवासीय/अनावासीय भवनों का निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. वहीं, मानसिक चिकित्सालय के लिए 17.82 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, प्रदेश के हर परिवार को हर साल 5 लाख रुपए का निशुल्क उपचार देने वाली अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए 550 करोड़ और राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (पेंशन) के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.
राज्य में प्रसूता के लिए ईजा-बोई शगुन योजना के लिए 14 करोड़, राज्य सरकार की ओर से निजी सहभागिता (पीपीपी मोड) के लिए 17 करोड़ 99 लाख रुपए, आशा कार्यकत्रियों/पार्ट टाइम दाईयों को मानदेय के लिए 51 करोड़ 32 लाख रुपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के लिए 761 करोड़ 90 लाख रुपए, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 54 करोड़ 71 लाख रुपए का बजट रखा गया है.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार, प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के साथ ही बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है. जिसके तहत, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये बजट में नई योजनाओं को शामिल करने के साथ-साथ बजट में बढ़ोत्तरी भी की है, ताकि हर नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से मिल सकें.
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