राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना में ओछी मानसिकता का एक मामला सामने आया था. यहां गणतंत्र दिवस पर एक शख्स को बस इसलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया, क्योंकि वह अनुसूचित जाति से था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मामले का विरोध जताते हुए X पर ट्वीट भी किया था. वहीं सरकार ने इस मामले पर एक्शन लेते हुए रोजगार सहायक की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने दोबारा से ट्वीट कर धन्यवाद दिया है.
अनुसूचित जाति के चलते नहीं फहराने दिया गया था तिरंगा
दरअसल, मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना का है. जहां सरपंच मान ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. जिसमें वे 'यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि मैं मान सरपंच बोल रहा हूं. आज झंडा वंदन का दिन था. मुझे मेरी जाति के चलते रोजगार सहायक ने झंडा नहीं फहराने दिया और किसी दूसरे शख्स से झंडा वंदन करा दिया और मेरा हक छीन लिया.'
दिग्विजय ने ट्वीट कर सरकार से पूछे थे सवाल
वहीं इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने X पर शेयर कर ट्वीट किया था. पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा था कि, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मान वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नहीं करने दिया. मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व ST-SC Atrocity कानून के अंतर्गत कार्रवाई करना चाहिए.'