बारिश से बेहाल राजस्थान (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर) जयपुर.राजस्थान में तीन दिन से जारी भारी बारिश के दौर के बीच आधा दर्जन जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. जयपुर और जयपुर ग्रामीण के साथ-साथ दौसा, करौली, धौलपुर, टोंक और सवाई माधोपुर में अभी कई इलाके जल भराव से ग्रस्त है. इस दौरान टोंक के निवाई में 107 मिलीमीटर, जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट पर 99 मिमी, जयपुर ग्रामीण के माधवराजपुरा में 97 मिमी, अलवर के खैरतल तिजारा में 65 मिलीमीटर, करौली के हिंडौन सिटी में 57 मिलीमीटर और करौली जिला मुख्यालय पर 46 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग के अनुसार साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना हुआ है. इससे दबाव का सिस्टम बनता है, जिसके कारण बार-बार बादल बरसते हैं. अगले चार-पांच दिन यही हालत रहेंगे. इसे देखते हुए बुधवार तक जयपुर, टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा, कोटा, बारां और बूंदी जिलों में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट है. कहीं-कहीं पर अत्यंत भारी बारिश करीब 200 मीटर तक हो सकती है.
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सोमवार को हुई 10 की मौत :प्रदेश में बरसात के बीच अलग-अलग हादसों के दौरान 10 मौतों की भी खबर आई. हनुमानगढ़ में दो अलग-अलग हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई, तो जयपुर में दो चचेरे भाई डूबकर काल का शिकार बन गए. हनुमानगढ़ के टिब्बी में कार नहर में डूब गई, जिसके कारण कार सवार मौलवी मगरूप आलम, उसके बेटे मोहम्मद सानिब और पोते मोहम्मद हुसैन की मौत हो गई. वहीं टिब्बी में हुए एक और हादसे में जोहड़ में खेलते समय दो बच्चे अमन और बाबू की भी डूबने से मौत हो गई. जयपुर के गलता कुंड में सवाई माधोपुर निवासी सोनू और राहुल की डूबने से मौत हो गई. उधर बारां के सिलोरा निवासी अनिल सहरिया की गर्भवती पत्नी ने भी दम तोड़ दिया, उसे डिलीवरी के लिए केलवाड़ा अस्पताल ले जाया जा रहा था. रास्ते में भैंसासुर नदी में तूफान के कारण 3 घंटे तक परिजन उसे डिलीवरी के लिए लेकर अस्पताल नहीं पहुंच सके. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. सवाई माधोपुर में श्योपुर से डिग्गी कल्याण की पदयात्रा में शामिल मध्य प्रदेश निवासी कल्लो तेज बहाव में बह गई. बाद में राहत बचाव दल ने उसका शव बाहर निकाला. दौसा के लांका में नाले में बही बकरियों को बचाने के प्रयास में 30 साल के युवक रामबाबू प्रजापत की डूबने से मौत हो गई. वहीं सीकर के खाटू श्याम जी में भी खेत में बने संपूर्ण में पैर फिसल कर डूबने से एक किसान की मौत हो गई. इसके अलावा करौली के अमरपुरा के मवाई नाले को पार करते वक्त तीन युवक पानी के तेज बहाव में बह गए, एक युवक को तो बचा लिया गया. जबकि 22 साल के विष्णु और 29 साल के बबलू का देर रात तक पता नहीं चल सका.
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जयपुर में रहा 'जलपुर' का नजारा : मंगलवार सुबह राजधानी जयपुर में बीते 3 दिन से जारी बरसात से हल्की राहत मिलती हुई नजर आई. हालांकि सुबह के वक्त बादल छाए रहे और इस दौरान रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा. इसके पहले निचले इलाकों में जल भराव के कारण सोमवार का दिन आवाजाही के लिए परेशानी भरा रहा, वहीं सड़कों की खस्ता हालत ने भी राह गुजर को मुश्किल बना दिया. जयपुर के सिरसी रोड इलाके पर 200 फीट बाइपास के नीचे जल भराव के कारण बिंदायका, सिरसी और पांच्यावाला से आने वाले लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. धावास अंडरपास 5 के नीचे मड पंप लगाकर वैशाली एक्सटेंशन के लोगों की राह को आसान बनाया गया. अजमेर रोड पर और बी टू बाइपास पर भी जल भराव के कारण लोग खासा परेशान होते हुए नजर आए. चार दिवारी, एमडी रोड, सांगानेर गेट इलाके में भी बरसात के दौरान पानी भरने से लोग परेशान हुए, तो सीकर रोड पर एक बार फिर नजर चिंताजनक दिखा. देर रात मुख्यमंत्री ने भी सड़कों पर उतरकर बारिस से प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
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जयपुर में बारिश का कोटा पूरा : जयपुर में 1 अगस्त शुरू हुई मध्यम से तेज बारिश ने इस सीजन में बरसात का कोटा पूरा कर दिया है. जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में जयपुर में 9.8 इंच बारिश हुई थी, लेकिन बीते 12 दिन में 11.44 इंच पानी बरस चुका है. आमतौर पर अगस्त के दूसरे हफ्ते तक जयपुर 15.15 इंच औसत बारिश होती थी, लेकिन इस बार 36% ज्यादा होकर यह 20 इंच तक हो चुकी है. मौसम विभाग ने जयपुर में आज भी रेड अलर्ट जारी किया हुआ है. इस दौरान अगले 24 घंटे में कुछ स्थानों पर भारी और अति भारी बारिश हो सकती है. दूसरी और प्रदेश की बात करें तो मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि एक अगस्त से अब तक बीते 12 दिनों में 186 मिली मीटर बारिश हुई है. जो की औसत बारिश 273.009 मिमी की तुलना में 392.63 मिमी है, यानी अब तक औसत से करीब 45 फीसदी पानी ज्यादा बरसा है. प्रदेश के 17 जिलों में 60% ज्यादा बारिश हुई है. जिनमें टोंक 110.06%, जैसलमेर 137.34 % और फलौदी में 164.67%, तो सबसे अधिक है.
SDRF ने जारी की एडवाइजरी : SDRF के कमाण्डेन्ट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि नागरिकों को वर्षा ऋतु में मौसम की सामान्य जानकारी के अभाव में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार छोटी-छोटी गलतियों और मौसम सम्बन्धी जानकारी के अभाव की वजह से लोगों को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पडता है. प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए मौसम विभाग ने मोबाइल ऐप और राजस्थान सरकार ने टॉल-फ्री नम्बर जारी किये हैं, जो बहुत उपयोगी है. भारी बरसात के मद्देनजर SDRF ने आमजन के लिए मानसून से संबंधित एडवाइजरी जारी की है. इस दौरान उपयोगी सचेत और दामिनी एप , 1070 टोल फ्री नंबर के साथ 16 नियमों के पालना की सलाह दी गई है. इसमें Select ऐप से स्थानीय मौसम, तापमान, वर्षा, भूकम्प की तीव्रता, वज्रपात का अलर्ट और विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के समय क्या, क्या ना करे की जानकारी उपलब्ध होती है. वहीं Damini ऐप अपने से 10 किलोमीटर एरिया में बिजली गिरने (वज्रपात) के संभावित स्थान की जानकारी देता है, ताकि नागरिक सुरक्षित स्थान जा सके, चेतावनी मिलने पर क्या करे की जानकारी भी देता है.