जयपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि लोकतंत्र में दल और नेताओं की ताकत पदों से नहीं जनता के वोट और समर्थन से आती है. चुनावी जीत-हार होती रहती है, लेकिन विचारधारा पर चलते रहना जरूरी है. वे बोले- भारत का लोकतंत्र रोमांचक और विचित्र है, जो अलग-अलग निर्णय देता है. जो लोग 400 पार की बात करते थे, आज 240 पर हैं. कब चंद्रबाबू नायडू का मन भटक जाए और नीतीश कुमार कब पलटी मार जाएं, यह कोई नहीं कह सकता है.
वहीं, इंडिया गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि गठबंधन आज भी मजबूत है और आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन करेगा. इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी के दिल्ली में कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यों में हालात अलग होते हैं. दरअसल, सचिन पायलट सोमवार को जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में लोक स्वराज मंच की ओर से संसदीय लोकतंत्र में संविधान और संस्थाओं का महत्व विषय पर व्याख्यान में शिरकत करने पहुंचे. इस कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने भी संबोधित किया.
दूसरे देशों के लोकतंत्र की कहीं बात नहीं होती : सचिन पायलट ने कहा कि कहने को तो दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र है. दूसरे देशों में चुनाव और हार-जीत होती है, लेकिन उन देशों के लोकतंत्र की बात कहीं नहीं होती है. जहां भी लोकतंत्र की बात आती है, हमारे देश का उदाहरण दिया जाता है, क्योंकि संवैधानिक संस्थाएं लोकतंत्र को जीवित रखती हैं. हमारे पड़ोसी देशों में संस्थाएं नहीं हैं. संस्थाओं की मजबूती के लिए जनता को मजबूत करना पड़ेगा. यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. आज लोकपाल और सीएजी की कोई चिंता नहीं करता. दोहरे मापदंड से हमारा ही नुकसान होगा.
चुनाव जीतना खाली चेक मिलने जैसा नहीं : पायलट बोले- सत्ता में बैठे लोगों को समझना होगा कि चुनाव जीतना खाली चेक मिलने जैसा नहीं हैं. उनकी जवाबदेही देश और संसद के प्रति रहेगी. कितनी पार्टियां और सरकारें आई और गई. जनप्रतिनिधियों को हर पांच साल में जनता के सामने नाक रगड़नी पड़ती है. कोई गलतफहमी में नहीं रहे कि सत्ता हमेशा उसकी रहेगी. उन्होंने कहा कि जनता को भी अपने भीतर झांकना चाहिए. पहले जन आंदोलन होते थे, आज मुद्दों पर जागरूकता कमी आई है. अमीर-गरीब और गांव-शहर की खाई बढ़ना चिंता का कारण है. सत्ता और धन का केंद्रीकरण हो चुका है.
प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह कन्फ्यूज : मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह कन्फ्यूज है. इनको पता नहीं करना क्या है. पहले सभी जिलों को निरस्त करने की घोषणा की, फिर कमेटी बनाकर कुछ को निरस्त किया. इनका क्या मापदंड है, किसी को पता नहीं. सरकार को पारदर्शी तरीके से मापदंड तय करने चाहिए. जिलों को रद्द करना गलत है. हम विधानसभा में इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार में अलग-अलग पावर सेंटर बन गए हैं. ब्यूरक्रेसी हावी है.
एसआई भर्ती पर सरकार को एजेंसी पर भरोसा नहीं : एसआई भर्ती को लेकर कहा कि सरकार की एजेंसियां कहती है भर्ती रद्द होनी चाहिए. मंत्री कह रहे हैं भर्ती रद्द करवाएंगे, लेकिन सरकार भर्ती को रद्द नहीं कर रही है. क्या मजबूरी है ? सरकार को अपनी एजेंसी पर भरोसा नहीं है. सरकार में बहुत दबाव है. अब तक सरकार जनता को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाई है. राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू का दावा किया जा रहा है. इसके क्या रोडमैप हैं. क्या टाइमलाइन है ? अब कह रहे हैं कि जमीनों की ऑक्शन नहीं करेंगे, बल्कि जमीन आवंटित करेंगे. इसका मतलब है कि आप पक्षपात करना चाहते हैं. विधानसभा के सत्र में हम हर मुद्दे पर जवाब मांगेंगे.