जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी अयोग्य व्यक्ति को प्रशासनिक आवश्यकता का हवाला देते हुए आयुक्त पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती. किसी ऐसे व्यक्ति को उस पद पर नहीं रखा जा सकता, जिसके पास उस पद की निर्धारित योग्यता ही नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक के गत 17 फरवरी के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत दौसा नगर परिषद की सचिव मोनिका सोनी को आयुक्त पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था. अदालत ने कहा कि मोनिका सोनी ईओ तृतीय वर्ग की अधिकारी हैं, जबकि नियमानुसार आयुक्त पद पर ईओ द्वितीय वर्ग के अधिकारी को वरिष्ठता कम पदोन्नति के जरिए भरा जा सकता है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश दौसा नगर परिषद के वार्ड 55 से पार्षद कमलेश कुमार मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नगर परिषद आयुक्त का पद दक्षता वाला होता है. ऐसे में इसे ऐसे व्यक्ति द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता, जो उस पद को धारण करने की योग्यता ही नहीं रखता है. अयोग्य व्यक्ति को आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने से पूरे परिषद के कामकाज पर असर पडे़गा. याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने अदालत को बताया कि ईओ तृतीय स्तर की अधिकारी मोनिका सोनी को गत 15 फरवरी को दौसा नगर परिषद का सचिव बनाया गया था. वहीं, 17 फरवरी को डीएलबी निदेशक ने आदेश जारी कर उन्हें परिषद के आयुक्त पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया.