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तकनीकी औपचारिकताओं के कारण नहीं किया जा सकता मेधावी अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन-हाईकोर्ट - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मेरिट के आधार पर सीट आवंटित करने के निर्देश दिए

PETITION RELATED TO NEET UG,  FUNDAMENTAL RIGHTS OF CANDIDATES
राजस्थान हाईकोर्ट . (ETV Bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 15, 2024, 7:22 PM IST

जयपुरःराजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी-2024 के स्ट्रे वैकेंसी राउंड से जुडे़ मामले में कहा है कि तकनीकी औपचारिकताओं के कारण मेधावी अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि मेरिट में स्थान प्राप्त करने के आधार पर ही सीटों का आवंटन होना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं की मेरिट के आधार पर उन्हें मेडिकल कॉलेज आवंटित किए जाएं. वहीं, अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कम मेरिट वाले निजी पक्षकारों को किए गए सीट आवंटन को निरस्त करने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश रोहित चौधरी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने नीट यूजी-2024 में मेरिट में उच्च स्थान प्राप्त किया था. कोविड महामारी के कारण सरकार ने उन्हें कक्षा 11वीं से अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया था. इसके चलते उन्हें मिले प्रमाण पत्र में विषयों का उल्लेख नहीं था. याचिकाकर्ताओं को गत 28 अक्टूबर को तीन घंटे के लिए आयोजित नीट के स्ट्रे वैकेंसी राउंड में दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया, जहां उन्हें यह कहते हुए कॉलेज आवंटित नहीं किया कि उनकी 11वीं अंकतालिका में बायोलॉजी विषय का उल्लेख नहीं है.

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दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित कर दी गई. वहीं, राज्य सरकार, एनएमसी और एनटीए की ओर से कहा गया कि एमबीबीएस में प्रवेश के लिए कक्षा 11वीं में तय विषय होने चाहिए, जबकि याचिकाकर्ताओं के पास मौजूद दस्तावेजों में बायोलॉजी विषय का उल्लेख नहीं था. जिन दूसरे अभ्यर्थियों के पास तय विषय से 11वीं पास होने के दस्तावेज थे, उन्हें सीट आवंटित कर दी गई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को मेरिट के आधार पर सीट आवंटित करने और कम मेरिट वाले निजी पक्षकारों का आवंटन निरस्त करने को कहा है.

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