भीलवाड़ा: शहर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र में एंबुलेंस का गेट नहीं खुलने से महिला की मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी. इस कमेटी ने जांच में माना कि एंबुलेंस का गेट नहीं खुलने का आरोप गलत है. एंबुलेंस बिलकुल सही थी. कमेटी ने अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंप दी.
भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी.पी. गोस्वामी ने बताया कि गत 19 जनवरी को शहर के जवाहर नगर क्षेत्र में एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इस दौरान महिला के परिजनों की सूचना पर एंबुलेंस मौके पर पहुंची और महिला को जिला अस्पताल लाया गया. यहां महिला की जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण आत्महत्या ही पाया गया, लेकिन महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी थी. साथ ही एंबुलेंस का गेट भी काफी देर तक नहीं खुला.
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कमेटी गठित की: डॉ गोस्वामी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई, जिसमें आरसीएचओ डॉ. संजीव कुमार शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी प्रेम प्रकाश भाम्बी, डीपीओ एनएचएम योगेश वैष्णव, यूनिट हेड जीवीके इएमआरआई अबरार शामिल थे.
आरोप माने निराधार: उन्होंने बताया कि जांच कमेटी ने वर्कशॉप शाहपुरा पहुंचकर एंबुलेंस की जांच की. इस दौरान एंबुलेंस की फिटनेस और आक्सीजन सहित सभी कार्य प्रणाली सही पाई गई. इस हादसे से पहले भी एंबुलेंस एक अन्य पीड़ित को लेकर अस्पताल पहुंची थी. 8 जनवरी को ही ऑक्सीजन रिफिल करवाई थी. स्टाफ भी ट्रेंड था, ऐसे में मृतक महिला के परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप कि एंबुलेंस के गेट नहीं खुले गलत साबित हुए. महिला की मौत घर पर ही हो गई थी.