जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने आरवीपीएनएल के चीफ इंजीनियर को राहत देते हुए उसे एकलपीठ के आदेश की पालना में पदावनत (डिमोशन) करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने बिजली कंपनी को कहा है कि वह शेष पदों के लिए रिव्यू डीपीसी आयोजित कर सकती है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश सुरेश चंद मीणा की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.
अपील में अधिवक्ता आरडी मीणा ने अदालत को बताया कि आरवीपीएनएल ने 13 जुलाई, 2023 को अपीलार्थी की पदोन्नति एडिशनल चीफ इंजीनियर से चीफ इंजीनियर पद पर की गई थी. बिजली कंपनी ने चीफ इंजीनियर के चार पदों पर पदोन्नति की थी, जिसमें एसटी वर्ग के 2 अधिकारियों को पदोन्नत किया गया. इस पदोन्नति आदेश को जयवीर व अन्य ने एकलपीठ में चुनौती दी थी. चुनौती याचिका में कहा गया कि अनारक्षित पदों पर आरक्षित वर्ग के एडिशनल चीफ इंजीनियर को पदोन्नत नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद आरवीपीएनएल ने 50 फीसदी आरक्षण के प्रावधान की अनदेखी कर आरक्षित वर्ग के अधिकारी को चीफ इंजीनियर बना दिया. एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अपीलार्थी की पदोन्नति रद्द कर रिव्यू डीपीसी करने को कहा.