भीलवाड़ा : वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में दिवाली के त्योहार को लेकर बाजार में दिन-प्रतिदिन रौनक बढ़ती जा रही है. खरीदारों की संख्या भी बढ़ गई है. ऐसे में व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार दिवाली में अच्छी ग्राहकी होगी.
दरअसल, भीलवाड़ा जिले में वर्षों से बन रही मुरका मिठाई की दीपावली से पूर्व काफी मात्रा में बिक्री होती है. शहर में जगह-जगह अस्थाई दुकान लगाकर मुरका मिठाई बेची जा रही है. उड़द की दाल और शुद्ध देसी घी में यह मिठाई बनाई जा रही है. लगभग 60 वर्षों से मुरका मिठाई बनाकर बेचने वाले हलवाई भेरूलाल पाटनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पहले हमारे पिताजी और अब मैं लगभग 60 वर्षों से मुरका मिठाई बनाकर बेचते हैं. यह मिठाई बहुत ही स्वादिष्ट है.
दिवाली के मौके पर मुरका मिठाई लोग लक्ष्मी पूजन में मां लक्ष्मी को भोग लगाने के लिए ले जाते हैं. मुरका मिठाई बनाने के लिए उड़द की दाल को पहले गिला करके उसको पीसा जाता है और जिस तरह जलेबी व इमरती का गोल तैयार किया जाता है, उसी प्रकार उड़द की दाल का घोल तैयार कर शुद्ध देसी घी में मुरका मिठाई बनाई जाती है. यह दिखने में इमरती मिठाई जैसी है, लेकिन स्वाद बहुत ही अच्छा होता है.
इसलिए काफी मात्रा में इस मिठाई की बिक्री होती है. मुरका मिठाई बनने के बाद लगभग एक माह तक खराब नहीं होती है. लोग इसको बड़े चाव से खरीदते हैं. मुरका मिठाई की बिक्री दीपावली के एक माह पहले से शुरू हो जाती है. भेरूलाल ने बताया कि हम 450 रुपये प्रति किलो के हिसाब से देसी घी की शुद्ध मुरका मिठाई बेच रहे हैं.
भीलवाड़ा शहर में कई जगह लगीं अस्थाई दुकानें : दीपावली के एक माह पूर्व शहर में लगभग 200 जगह अस्थाई दुकानें लगाई जाती हैं. यहां दिनभर मुरका मिठाई बनाई जाती है और काफी मात्रा में बिक्री होती है.