हैदराबादः दुर्गा पूजा के ठीक 20-21 दिनों के बाद हर साल दिवाली मनाया जाता है. दुर्गा पूजा के बाद से ज्यादातर लोग दिवाली की तैयारी में जुट जाते हैं. घरों के साफ-सफाई कर रोशनी से मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है. धनतेरस के साथ दिवाली प्रारंभ होता है. आज 29 अक्टूबर, दिन मंगलवार को धनतेरस है. धनतेरस में मुख्य रूप से अपनी आर्थिक स्थिति और जरूरतों के अनुसार सोना-चांदी, घर-जमीन, गाड़ी, आदि में निवेश करते हैं.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मित्र धनतेरस पूजन के लिए बेहतर समय प्रदोष काल होता है, जब लग्न स्थिर होता है. धनतेरस पूजन स्थिर लग्न में किया जाए तो मां लक्ष्मी घर में स्थिर (वास) करती हैं. इसी कारण धनतेरस पूजन के लिए इस समय को सही माना गया है. वृषभ लग्न को भी स्थिर लग्न माना जाता है. धनतेरस में यह ज्यादातर समय प्रदोष काल के साथ ही रहता है.
धनतेरस का पंचांग
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ
29 अक्टूबर 2024 सुबह 10 बजकर 31 मिनट से - त्रयोदशी तिथि समापन
30 अक्टूबर 2024 दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर - धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त
शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 31 मिनट - खरीददारी का अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक - धनतेरस के शुभ योग
त्रिपुष्कर योगः सुबह 6 बजकर 31 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक
अमृत कालः सुबह 10 बजकर 25 मिनट से 12 बजकर 13 मिनट तक
दिवाली कैलेंडर 2024
- 28 अक्टूबर (सोमवार)-गोवत्स द्वादशी, वसुबारस
- 29 अक्टूबर (मंगलवार)-धनतेरस
- 30 अक्टूबर (बुधवार)-काली चौदस, हनुमान पूजा
- 31 अक्टूबर (गुरुवार)-नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), काली पूजा
- 01 नवंबर (शुक्रवार)-दिवाली (लक्ष्मी पूजा)
- 02 नवंबर (शनिवार)-गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
- 03 नवंबर (रविवार)-भाई दूज, यम द्वितीया