ETV Bharat / bharat

क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस विधायक UT स्थापना दिवस में शामिल होंगे? जानें

पिछले साल कांग्रेस ने 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में काला दिवस ​के रूप में मनाया था और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था.

UT स्थापना दिवस
UT स्थापना दिवस (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश का 'स्थापना दिवस' मना रहा है, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे. नौकरशाहों के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नए विधायकों को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे, जिसे उन्होंने पिछले पांच सालों में 'काला दिवस' कहा है.

कांग्रेस के एक विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, " हम यहां राज्य के दर्जा को कम करने का जश्न कैसे मना सकते हैं , जबकि लोगों ने हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए वोट दिया था."

पिछले साल जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने इस दिन को काला दिवस​के रूप में मनाया था और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था. श्रीनगर में तत्कालीन कांग्रेस जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और जम्मू में कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन पार्टी से कोई भी नेता इस समारोह में शामिल नहीं होगा.

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ
नबी ने ईटीवी भारत से कहा, "हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं, जब हम जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ हैं और पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं. एनसी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव भी पारित किया था."

नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक विधायक, जिन्हें SKICC में आयोजित कार्यक्रम में VVIP के तौर पर आमंत्रित किया गया है, ने कहा कि वह उस दिन में कैसे शामिल हो सकते हैं जो पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिन है. विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, "हम इसे काले दिन के तौर पर मनाते हैं, यह हमारे लिए जश्न कैसे हो सकता है."

'राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते'
पुलवामा जिले के त्राल निर्वाचन क्षेत्र से पीडीपी विधायक ने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, "मुझे संभागीय प्रशासन से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. मैं किसी भी समारोह में नहीं जाऊंगा. हम अपने पतन और एक राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते."

उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने अपने पहले मंत्रिमंडल में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था और इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दी थी. उमर ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को प्रस्ताव सौंपकर उन्हें जम्मू-कश्मीर को वादा किया गया राज्य का दर्जा बहाल करने की याद दिलाई थी.

31 अक्टूबर को स्थापना दिवस
सिन्हा, जो कल यूटी दिवस पर मुख्य अतिथि हैं, ने पहले ही प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और आधिकारिक प्रवक्ता ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया. एलजी प्रशासन 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश के 'स्थापना दिवस' के रूप में मना रहा है, जब पूर्ववर्ती राज्य को डाउनग्रेड कर दिया गया था और इसे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.

पिछले साल, संभागीय प्रशासन ने हर जिले के डिप्टी कमिश्नरों को यूटी स्थापना दिवस मनाने के लिए पंचायतों, ब्लॉकों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा था. डिप्टी कमिश्नरों ने कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि पंचायत राज संस्थान के सदस्य सोशल मीडिया पर सेल्फी पोस्ट करें.

प्रशासन ने अपने अधिकारियों से केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि शैक्षणिक संस्थान समारोह में भाग लें. संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार भिदुरी ने कल होने वाले समारोह के बारे में कॉल का जवाब नहीं दिया.

बता दें कि पिछले साल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और अब यूटी के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि क्या यूटी बनाने से पहले हमसे सलाह ली गई थी? क्या इस फैसले में हमारी कोई भूमिका थी? क्या हमें इस फैसले से कोई फायदा हुआ? जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था और अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करके इसका विशेष दर्जा छीन लिया गया.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक वक्फ बोर्ड चुनाव: हाई कोर्ट ने नई वोटर लिस्ट जारी करने का दिया आदेश

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश का 'स्थापना दिवस' मना रहा है, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे. नौकरशाहों के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नए विधायकों को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे, जिसे उन्होंने पिछले पांच सालों में 'काला दिवस' कहा है.

कांग्रेस के एक विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, " हम यहां राज्य के दर्जा को कम करने का जश्न कैसे मना सकते हैं , जबकि लोगों ने हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए वोट दिया था."

पिछले साल जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने इस दिन को काला दिवस​के रूप में मनाया था और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था. श्रीनगर में तत्कालीन कांग्रेस जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और जम्मू में कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन पार्टी से कोई भी नेता इस समारोह में शामिल नहीं होगा.

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ
नबी ने ईटीवी भारत से कहा, "हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं, जब हम जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ हैं और पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं. एनसी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव भी पारित किया था."

नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक विधायक, जिन्हें SKICC में आयोजित कार्यक्रम में VVIP के तौर पर आमंत्रित किया गया है, ने कहा कि वह उस दिन में कैसे शामिल हो सकते हैं जो पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिन है. विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, "हम इसे काले दिन के तौर पर मनाते हैं, यह हमारे लिए जश्न कैसे हो सकता है."

'राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते'
पुलवामा जिले के त्राल निर्वाचन क्षेत्र से पीडीपी विधायक ने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, "मुझे संभागीय प्रशासन से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. मैं किसी भी समारोह में नहीं जाऊंगा. हम अपने पतन और एक राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते."

उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने अपने पहले मंत्रिमंडल में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था और इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दी थी. उमर ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को प्रस्ताव सौंपकर उन्हें जम्मू-कश्मीर को वादा किया गया राज्य का दर्जा बहाल करने की याद दिलाई थी.

31 अक्टूबर को स्थापना दिवस
सिन्हा, जो कल यूटी दिवस पर मुख्य अतिथि हैं, ने पहले ही प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और आधिकारिक प्रवक्ता ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया. एलजी प्रशासन 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश के 'स्थापना दिवस' के रूप में मना रहा है, जब पूर्ववर्ती राज्य को डाउनग्रेड कर दिया गया था और इसे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.

पिछले साल, संभागीय प्रशासन ने हर जिले के डिप्टी कमिश्नरों को यूटी स्थापना दिवस मनाने के लिए पंचायतों, ब्लॉकों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा था. डिप्टी कमिश्नरों ने कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि पंचायत राज संस्थान के सदस्य सोशल मीडिया पर सेल्फी पोस्ट करें.

प्रशासन ने अपने अधिकारियों से केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि शैक्षणिक संस्थान समारोह में भाग लें. संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार भिदुरी ने कल होने वाले समारोह के बारे में कॉल का जवाब नहीं दिया.

बता दें कि पिछले साल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और अब यूटी के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि क्या यूटी बनाने से पहले हमसे सलाह ली गई थी? क्या इस फैसले में हमारी कोई भूमिका थी? क्या हमें इस फैसले से कोई फायदा हुआ? जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था और अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करके इसका विशेष दर्जा छीन लिया गया.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक वक्फ बोर्ड चुनाव: हाई कोर्ट ने नई वोटर लिस्ट जारी करने का दिया आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.