जयपुर: प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की शोकसभा रखी गई, जिसमें कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी. पीसीसी में इकठ्ठा हुए पार्टी के नेताओं ने मनमोहन सिंह की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व और उनकी सोच हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे.
उनकी शख्सियत ऐसी थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने भी कहा था कि जब डॉ. मनमोहन सिंह बोलते हैं तो पूरा विश्व सुनता है. इससे पता चलता है कि उनका आभा मंडल कैसा था. उन्होंने वित्त मंत्री रहते देश में उदारीकरण का मार्ग प्रशस्त किया. राजस्थान को रिफाइनरी उन्हीं की देन है. वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद भी रहे. वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के कुशल प्रबंधन का ही नतीजा था कि पूरा विश्व मंदी की चपेट में था, लेकिन हमारे देश पर इसका असर नहीं पड़ा. वे 10 साल प्रधानमंत्री रहे और शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, रोजगार की गारंटी और खाद्य सुरक्षा कानून जैसे अधिकार देश के लोगों को दिए.
सरकार स्मारक के लिए आगे आती तो विवाद नहीं होता : डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उठे विवाद पर अशोक गहलोत ने कहा कि उनके स्मारक के लिए अगर केंद्र सरकार खुद आगे आती तो विवाद ही नहीं होता. पहली बार ऐसा हुआ जब पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर हुआ. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जब स्मारक की मांग उठाई तब सरकार सफाई दे रही है. राजस्थान में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के स्मारक के लिए हमारी सरकार ने जगह दी. उस समय भाजपा को मांग नहीं करनी पड़ी. जबकि राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी या राजीव के स्मारक के साथ मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की पेशकश की. सरकार की इस सोच को लेकर देशभर में रिएक्शन है.
गहलोत बोले- प्रदेश की भाजपा सरकार निकम्मी-नकारा : अशोक गहलोत ने प्रदेश की भाजपा सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा, राजस्थान में एक साल में ऐसी निकम्मी-नकारा सरकार रही है कि इन्होंने कोई काम नहीं किया. एक साल में इस सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है. ये बताएं कि एक साल के कार्यकाल की इनकी क्या उपलब्धि रही है. ये एक भी उपलब्धि नहीं बता सकते. एक साल में इन्होंने 9 जिलों को समाप्त कर दिया, ताकि कोई ये नहीं पूछे कि आपकी एक साल की उपलब्धि क्या है.