रायसेन:मध्य प्रदेश में नए साल के पहले दिन मोहन सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है. 01 जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में ये ई-मंडी का शुरुआत हुई. बता दें कि प्रदेश में पहले से 42 ई-मंडी काम कर रही हैं. ई-मंडी योजना से किसान उपज बेचने के लिए स्वयं अपनी पर्ची बना सकते हैं. मंडी ऐप से किसानों को ये सुविधा मिल रही है. अब किसानों को उपज बेचने के लिए प्रवेश पर्ची के लिये लाइन में लगने की जरूरत नहीं है.
सारा काम ऑनलाइन, गड़बड़ी की संभावना नहीं
ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान कंप्यूटराइज्ड रहेगी. राज्य सरकार का कहना है कि 01 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करने लगेंगी. इस योजन के तहत किसान अपने मोबाइल या एमपी ऑनलाइन से ई-मंडी की वेबसाइट से बुकिंग कर अपनी उपज सीधे कृषि उपज मंडी में बेच सकते हैं. इस बारे में रायसेन कृषि उपज मंडी के सचिव अभय कुमारने बताया "बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज विक्रय करने के लिए आते हैं. ऐसे में पहले उन्हें कागजी कार्रवाई के साथ मंडी में प्रवेश के समय पास लेना होता था, जिसमें काफी समय किसानों का खराब होता था."