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शिकार करने बैठी खूंखार बाघिन खुद हो गई शिकार, पेंच टाइगर रिजर्व में मिला शव - TIGRESS DIED IN PENCH TIGER RESERVE

मोगली के घर पेंच नेशनल पार्क से बाघ प्रेमियों के लिए बुरी खबर सामने आई है. यहां पर एक मादा बाघिन की करंट लगने से मौत हुई है.

TIGRESS DIED IN PENCH TIGER RESERVE
करंट लगने से बाघिन की मौत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 6:37 AM IST

छिन्दवाड़ा : पेंच टाईगर रिजर्व में रविवार को एक मादा टाइगर का शव मिला है. फॉरेस्ट रेंज के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि मोगली अभ्यारण्य और ग्राम जीरेवाड़ा की सीमा पर मादा बाघिन का शव मिला है. बाघिन की आयु लगभग 4-5 वर्ष थी. प्रथम दृष्टया बाघिन की मौत बिजली के करंट से होने की लग रही है. मादा टाइगर के शव के समीप करंट लगने के सबूत भी मिले हैं. माना जा रहा है कि शिकार के लिए इस क्षेत्र में आई बाघिन खुद शिकार बन गई. ऐसे में जंगल में शिकारियों की भी खोजबीन शुरू हो गई है.

फसल बचाने के लिए भी करंट फैलाते हैं ग्रामीण

जांच में ये भी सामने आया है कि पेंच टाइगर रिजर्व से लगे बफर इलाकों के गांव के किसान जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए भी खेतों के आसपास करंट के तार फैलाते हैं, जिससे जंगली जानवर अगर खेतों की फसल नष्ट करने पहुंचे तो करंट का झटका लगने से भाग जाएं. लेकिन कई बार इनकी चपेट में टाइगर भी आ जाते हैं. माना ये भी जा रहा है कि बाघिन भी खेत में घुसी होगी और उसकी करंट लगने से मौत हो गई.

टेरेटरी मार्क करने रहवासी इलाकों में पहुंच जाते हैं टाइगर

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया, '' पेंच टाइगर रिजर्व में 123 से ज्यादा बाघ और बाघिन का कुनबा है. बाघ अपना इलाका खुद निर्धारित करते हैं. अगर कोई दूसरा बाघ उनके इलाके में आता है तो इसे लेकर दोनों में भिड़ंत होती है इसलिए बाघ अपने इलाके का निर्धारण (टेरेटरी मार्क करने) के लिए कई बार कोर एरिया से निकलकर बफर इलाके में भी आ जाते हैं. और ऐसे में या तो कई बार शिकारी के जाल में फंस जाते हैं या फिर बफर इलाके और रहवासी इलाके में घूमते रहते हैं.''

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फसल बचाने के लिए भी करंट फैलाते हैं ग्रामीण

जांच में ये भी सामने आया है कि पेंच टाइगर रिजर्व से लगे बफर इलाकों के गांव के किसान जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए भी खेतों के आसपास करंट के तार फैलाते हैं, जिससे जंगली जानवर अगर खेतों की फसल नष्ट करने पहुंचे तो करंट का झटका लगने से भाग जाएं. लेकिन कई बार इनकी चपेट में टाइगर भी आ जाते हैं. माना ये भी जा रहा है कि बाघिन भी खेत में घुसी होगी और उसकी करंट लगने से मौत हो गई.

टेरेटरी मार्क करने रहवासी इलाकों में पहुंच जाते हैं टाइगर

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया, '' पेंच टाइगर रिजर्व में 123 से ज्यादा बाघ और बाघिन का कुनबा है. बाघ अपना इलाका खुद निर्धारित करते हैं. अगर कोई दूसरा बाघ उनके इलाके में आता है तो इसे लेकर दोनों में भिड़ंत होती है इसलिए बाघ अपने इलाके का निर्धारण (टेरेटरी मार्क करने) के लिए कई बार कोर एरिया से निकलकर बफर इलाके में भी आ जाते हैं. और ऐसे में या तो कई बार शिकारी के जाल में फंस जाते हैं या फिर बफर इलाके और रहवासी इलाके में घूमते रहते हैं.''

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