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मोहन यादव का 2 नदियों का मास्टर प्लान, मध्य प्रदेश के करोड़ों लोगों की जिंदगी बदलेगी - TAPTI KANHAN RIVER LINK PROJECT

मध्यप्रदेश में एक साल में तीसरी महत्वपूर्ण अंतर्राज्यीय नदी परियोजना पर काम हुआ शुरू, लाखों किसानों के साथ आमजन को होगा फायदा

TAPTI KANHAN RIVER LINK PROJECT
मध्यप्रदेश सरकार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 11:05 AM IST

Updated : Feb 8, 2025, 12:04 PM IST

Tapti Kanhan River Project : मध्यप्रदेश सरकार अब तीसरी नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू करने जा रही है. यह ऐसी परियोजना होगी जिससे मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की जनता को भी फायदा मिलेगा. दरअसल, मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार महाराष्ट्र के साथ ताप्ती-कान्हन परियोजना पर काम करने जा रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से ताप्ती-कन्हान नदी को जोड़ने पर चर्चा भी की है और इसपर सहमति भी बन गई है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार इससे पहले राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ भी नदी परियोजनाओं पर काम कर रही है.

दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड वॉटर रीचार्ज परियोजना

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच शुरू हो रही इस परियोजना को सीएम मोहन यादव ने विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वॉटर रीचार्ज परियोजना कहा है. उन्होंने कहा, '' ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड रीचार्ज परियोजना है. इस अंतर्राज्यीय परियोजना के अवरोध दूर हो गए हैं और जल्द हम महाराष्ट्र सरकार के साथ एग्रीमेंट करने जा रही हैं. जल्द ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भोपाल आमंत्रित कर करार की कार्यवाही की जाएगी.''

MP KANHAN TAPTI RIVER PROJECT
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद अधिकारियों को दिए निर्देश (Etv Bharat)

ताप्ती-कान्हन लिंक की प्लानिंग करें अधिकारी : सीएम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को भोपाल में ताप्ती-बेसिन लिंक परियोजना को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अधिकारियों से मिलकर ताप्ती-कान्हन लिंक का पूरा खाका तैयार किया जाए. सीएम ने कहा कि इस परियोजना को जल्द शुरू करने का हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराओं से नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग कृषि भूमि, पेय जल व सिंचाई के लिए करेंगे.

मध्य प्रदेश की 1 लाख 23 हजार हेक्टेयर भूमि खिल उठेगी

सीएम ने बताया कि ताप्ती-कान्हन परियोजना शुरू होने से एमपी की 1 लाख 23 हजार हेक्टेयर असिंचित भूमि भी खिल उठेगी, यहां भी अब सिंचाई की सुविधा होगी. मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र के 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को भी इसका पानी मिलेगा. प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश जिससे बुरहानपुर, नेपानगर, छिंदवाड़ा, खालवा, खकनार को काफी फायदा मिलेगा. यहां सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की समस्या दूर होगी और ग्राउंड वॉटर रिचार्ज से बड़े स्तर पर फायदा मिलेगा.

ताप्ती-कान्हन लिंक से किसे मिलेगा कितना पानी?

मंत्रालय में आयोजित हुई बैठक में बताया गया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टीएमसी जल का उपयोग होगा. इसमें से 11.76 टीएमसी मध्यप्रदेश को और 19.36 टीएमसी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा. बता दें कि एक टीमसी यानी थाउजेंड मिलियन क्यूबिक फीट में 2831 करोड़ लीटर पानी होता है. इस परियोजना में प्रस्तावित बांध और नहरों के लिए मध्यप्रदेश की कुल 3 हजार 362 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा, क्योंकि इस परियोजना से कोई गांव प्रभावित नहीं होंगे इसलिए पुनर्वास की जरूरत नहीं पड़ेगी.

एमपी के छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर को भी फायदा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, '' इसी प्रकार कन्हान उपकछार में जल उपयोगिता के लिए मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्पलेक्स बहुउद्देशीय परियोजना से छिंदवाड़ा के साथ महाराष्ट्र के नागपुर शहर को भी पानी मिलेगा. छिंदवाड़ा में किसानों के लिए पर्याप्त जल की उपलब्धता होगी. जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य शुरू किया, उसी प्रकार केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर काम चल रहा है. वहीं अब हमने तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है.''

TAPTI KANHAN PROJECT MP GOVT
ताप्ती-कान्हा परियोजना को लेकर मंत्रालय में बैठक (Etv Bharat)

100 सालों तक नहीं होगी पानी की कमी

इस योजना के तहत सतपुड़ा पर्वत और विंध्य मध्य हाइड्रोलाजिकल फाल्ट से सतपुड़ा रेंज में 250 किलोमीटर का विशाल अंडरग्राउंड वॉटर टैंक बनाया जाएगा. इसकी जल भराव क्षमता ऐसी होगी कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में 100 वर्षों तक सिंचाई की जा सके और पानी की कमी न हो.

जानें ताप्ती और कान्हन नदी के बारे में

इस परियोजना में शामिल ताप्ती नदी मध्यप्रदेश से निकलती है. ताप्ती की उत्पत्ति एमपी के बैतूल जिले में मुलताई से सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से हुई है. इसका प्राचीन नाम ताप्ती ही है और यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक हैं. यह नदी एमपी के साथ-साथ महाराष्ट्र की सीमा और गुजरात से होकर अरब सागर में गिरती है. वहीं कान्हन नदी की उत्पत्ति छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव के पास की सतपुड़ा रेंज से हुई है. यह वैनगंगा की सहायक नदी है और मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र में भी बहती है.

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Tapti Kanhan River Project : मध्यप्रदेश सरकार अब तीसरी नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू करने जा रही है. यह ऐसी परियोजना होगी जिससे मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की जनता को भी फायदा मिलेगा. दरअसल, मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार महाराष्ट्र के साथ ताप्ती-कान्हन परियोजना पर काम करने जा रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से ताप्ती-कन्हान नदी को जोड़ने पर चर्चा भी की है और इसपर सहमति भी बन गई है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार इससे पहले राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ भी नदी परियोजनाओं पर काम कर रही है.

दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड वॉटर रीचार्ज परियोजना

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच शुरू हो रही इस परियोजना को सीएम मोहन यादव ने विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वॉटर रीचार्ज परियोजना कहा है. उन्होंने कहा, '' ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड रीचार्ज परियोजना है. इस अंतर्राज्यीय परियोजना के अवरोध दूर हो गए हैं और जल्द हम महाराष्ट्र सरकार के साथ एग्रीमेंट करने जा रही हैं. जल्द ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भोपाल आमंत्रित कर करार की कार्यवाही की जाएगी.''

MP KANHAN TAPTI RIVER PROJECT
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद अधिकारियों को दिए निर्देश (Etv Bharat)

ताप्ती-कान्हन लिंक की प्लानिंग करें अधिकारी : सीएम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को भोपाल में ताप्ती-बेसिन लिंक परियोजना को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अधिकारियों से मिलकर ताप्ती-कान्हन लिंक का पूरा खाका तैयार किया जाए. सीएम ने कहा कि इस परियोजना को जल्द शुरू करने का हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराओं से नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग कृषि भूमि, पेय जल व सिंचाई के लिए करेंगे.

मध्य प्रदेश की 1 लाख 23 हजार हेक्टेयर भूमि खिल उठेगी

सीएम ने बताया कि ताप्ती-कान्हन परियोजना शुरू होने से एमपी की 1 लाख 23 हजार हेक्टेयर असिंचित भूमि भी खिल उठेगी, यहां भी अब सिंचाई की सुविधा होगी. मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र के 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को भी इसका पानी मिलेगा. प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश जिससे बुरहानपुर, नेपानगर, छिंदवाड़ा, खालवा, खकनार को काफी फायदा मिलेगा. यहां सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की समस्या दूर होगी और ग्राउंड वॉटर रिचार्ज से बड़े स्तर पर फायदा मिलेगा.

ताप्ती-कान्हन लिंक से किसे मिलेगा कितना पानी?

मंत्रालय में आयोजित हुई बैठक में बताया गया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टीएमसी जल का उपयोग होगा. इसमें से 11.76 टीएमसी मध्यप्रदेश को और 19.36 टीएमसी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा. बता दें कि एक टीमसी यानी थाउजेंड मिलियन क्यूबिक फीट में 2831 करोड़ लीटर पानी होता है. इस परियोजना में प्रस्तावित बांध और नहरों के लिए मध्यप्रदेश की कुल 3 हजार 362 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा, क्योंकि इस परियोजना से कोई गांव प्रभावित नहीं होंगे इसलिए पुनर्वास की जरूरत नहीं पड़ेगी.

एमपी के छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के नागपुर को भी फायदा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, '' इसी प्रकार कन्हान उपकछार में जल उपयोगिता के लिए मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्पलेक्स बहुउद्देशीय परियोजना से छिंदवाड़ा के साथ महाराष्ट्र के नागपुर शहर को भी पानी मिलेगा. छिंदवाड़ा में किसानों के लिए पर्याप्त जल की उपलब्धता होगी. जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य शुरू किया, उसी प्रकार केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर काम चल रहा है. वहीं अब हमने तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है.''

TAPTI KANHAN PROJECT MP GOVT
ताप्ती-कान्हा परियोजना को लेकर मंत्रालय में बैठक (Etv Bharat)

100 सालों तक नहीं होगी पानी की कमी

इस योजना के तहत सतपुड़ा पर्वत और विंध्य मध्य हाइड्रोलाजिकल फाल्ट से सतपुड़ा रेंज में 250 किलोमीटर का विशाल अंडरग्राउंड वॉटर टैंक बनाया जाएगा. इसकी जल भराव क्षमता ऐसी होगी कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में 100 वर्षों तक सिंचाई की जा सके और पानी की कमी न हो.

जानें ताप्ती और कान्हन नदी के बारे में

इस परियोजना में शामिल ताप्ती नदी मध्यप्रदेश से निकलती है. ताप्ती की उत्पत्ति एमपी के बैतूल जिले में मुलताई से सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से हुई है. इसका प्राचीन नाम ताप्ती ही है और यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक हैं. यह नदी एमपी के साथ-साथ महाराष्ट्र की सीमा और गुजरात से होकर अरब सागर में गिरती है. वहीं कान्हन नदी की उत्पत्ति छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव के पास की सतपुड़ा रेंज से हुई है. यह वैनगंगा की सहायक नदी है और मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र में भी बहती है.

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Last Updated : Feb 8, 2025, 12:04 PM IST
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