उज्जैन: फर्जी पुलिस बन 34 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दरअसल, देवास निवासी विशाल शर्मा पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने का काम करता था. उसके खिलाफ उज्जैन, शाजापुर और नीमच सहित अन्य जिलों में कुल 14 अलग-अलग शिकायतें दर्ज हैं. विशाल खुद को कभी आरक्षक तो कभी एसआई और डीएसपी बताता था. इंस्टाग्राम पर पुलिस की वर्दी और रायफल के साथ अपनी तस्वीरें अपलोड करता था. इन तस्वीरों के जरिए वह लोगों को सरकारी काम, प्लॉट दिलाने और ट्रांसफर कराने के नाम पर झांसे में लेता था.
सिंहस्थ में समझी पुलिस का कार्यशैली
एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि "विशाल मूल रूप से उज्जैन जिले के जगोटी गांव का रहने वाला है. वह हाल ही में देवास में रहने लगा है. उसने 2016 के सिंहस्थ मेले के दौरान अस्थायी होमगार्ड के रूप में काम किया था. इस दौरान उसने पुलिस कर्मियों के तौर-तरीके सीखे और अफसरों से जान-पहचान बना ली. नौकरी खत्म होने के बाद उसने फर्जी पुलिस बनकर लोगों के साथ ठगी करना शुरू कर दिया."
ऐसे शुरू किया ठगी का खेल
इस मामले की जानकारी देते हुए आगे एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि "विशाल ने एक फोटो स्टूडियो से फर्जी पुलिस आईडी बनवाई और नकली वर्दी तैयार कराई. इसके बाद अपने एक पुलिसकर्मी मित्र से रायफल लेकर तस्वीर खिंचवाई. इसके बाद उसने अपनी पुलिस की वर्दी वाली फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अपलोड किया". वह इन तस्वीरों का उपयोग कर लोगों को सरकारी अधिकारियों से कनेक्शन और खास पहचान का झांसा देकर ठगी करता था.
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गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ जारी
विशाल ने अलग-अलग नामों से लोगों से पैसे लिए. उसने कभी किसी से ट्रांसफर के नाम पर, तो किसी को प्लॉट दिलाने का झांसा देकर रुपए ऐंठे. ठगी से मिले पैसे से अपना 11 लाख रुपए का लोन भी चुकाया.' एसपी ने बताया कि "हमने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ सभी मामलों की जांच की जा रही है. इस मामले में शाजापुर के उस फोटो स्टूडियो के संचालक को भी आरोपी बनाया जाएगा, जिसने फर्जी आईडी तैयार की थी. फिलहाल, पुलिस आरोपी के संपर्क में आए सभी 14 पीड़ितों को तलब कर रही है. इस मामले में और कितने नाम सामने आते हैं, यह जांच पूरी होने पर ही स्पष्ट होगा.