रायसेन: रायसेन जिला मुख्यालय के मंडी परिसर में इन दिनों किसान खाद के लिए धक्के खाते हुए दिखाई दे रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान सुबह से ही लंबी कतार लगाए हुए खड़े रहते हैं. बावजूद इसके उन्हें समय से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिसके कारण किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला मुख्यालय पर बैठे हुए अधिकारी इस मामले को लेकर अलग ही बयान देते हुए नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि, ''जिले में पर्याप्त खाद की व्यवस्था है और समय-समय पर किसानों को खाद उपलब्ध कराई जा रहा है.''
DAP खाद के लिए घंटों लाइन में लगते हैं किसान
धरती का भगवान कहे जाने वाले किसान रायसेन में दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं. कारण है कि उन्हें अपनी गेंहू की फसल को बोने के लिए जिस डीएपी खाद की जरूरत होती है, वह नहीं मिल पा रही है. किसान को भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अनाज उगाता है, जिससे सभी का पेट भरता है. लेकिन आज रायसेन जिले के हालात किसानों के लिए बेहद खराब हैं. आलम यह है कि किसान डीएपी खाद के लिए सुबह 4 बजे से लाइन में लगकर धक्के खा रहे हैं.
रायसेन में DAP खाद का महासंकट (ETV Bharat) जरूरत 50 बोरी की, मिल रही 5 बोरी खाद
कई घंटे की मेहनत और मशक्कत के बाद 4 से 5 बोरी खाद मिल रही है, जिससे किसानों को बोवनी करने में खासी परेशानी हो रही है. किसानों की पीड़ा है कि सुबह 4 बजे से तेज ठंड में खाद वितरण केंद्र में आकर लाइन में लगते हैं और उसके बाद सिर्फ चार पांच बोरी खाद की मिलती है. अगर खाद खत्म हो जाए तो और कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. जिससे किसान गेहूं की बोवनी नहीं कर पा रहे हैं. डीएपी खाद के लिए पहुंचे किसानों ने बताया कि, ''हफ्ते भर की मेहनत के बाद बड़ी मुश्किल से खाद मिलती है.'' सवाल यह है कि जिस किसान को 50 बोरी डीएपी की जरूरत है, उस किसान को पांच बोरी डीएपी खाद मिलेगी तो वह कैसे अपनी फसल बो पाएगा.
अधिकारी बोले-जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद
इस पूरे मामले पर खाद वितरण विभाग के अधिकारी एके पुरोहित का कहना है कि, ''जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद की व्यवस्था है. समय-समय पर रेक पॉइंट से खाद सोसाइटियों को उपलब्ध कराई जा रही है. 1 अक्टूबर से अभी तक 22 हजार 934 टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है. डीएपी खाद का 14 हजार टन के लगभग वितरण किया जा चुका है. 55 प्रतिशत खाद का वितरण हो चुका है.''