मुंगेर:भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथे स्थान पर है. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, आधुनिकीकरण, ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाने और सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. भारत में लगातार हो रहे ट्रेन हादसे को देखते हुए रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है. अब ट्रेनों के परिचालन को अब कैमरा वाला हेलमेट और अधिक सुरक्षित करेगा.
हेलमेट कैमरा से सफर हुआ सुरक्षित:मालदा डिवीजन इस अत्याधुनिक हेलमेट कैमरा निगरानी प्रणाली को स्थापित करने वाला पूर्वी रेलवे का पहला डिवीजन है. जहां ट्रेन संचालन में सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए अब ट्रेनों परिचालन को अब कैमरा वाला हेलमेट और अधिक सुरक्षित करेगा. यह हेलमेट ट्रेनों के बोगियों के निचले हिस्से की जांच अब आसान होगी. पहिया के आसपास कोई खराबी होगी तो ये हेलमेट उसकी जांच में मदद करेगा.
कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होंगे रेल कर्मचारी:मालदा डिविजन ने अपने रेलकर्मियों को हेलमेट कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस किया है. कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम में लगा कैमरा काफी पावरफुल है. नाइट विजन कैमरा की तरह ही यह कैमरा भी पावरफुल होगा. अगर ट्रेन किसी स्टेशन के पहले अंधेरे में खड़ी हो जाये तो इस कैमरे से उस ट्रेन की किसी बोगी के निचले हिस्से और पहिया को तुरंत चेक किया जा सकेगा. यह कैमरा हेलमेट के ऊपर लगा रहता है.
मालदा डीविजन ने 8 हेलमेट कैमरा उपलब्ध कराए: हेलमेट कैमरा मॉनिटरिंग सिस्टम की सुविधा मिलने से अब भागलपुर, जमालपुर, सुल्तानगंज सहित कई स्टेशनों के ट्रैकों पर काम करने वाले रेलकर्मियों को इस सिस्टम मिलेगा. फिलहाल मालदा और जमालपुर के प्रत्येक स्टेशन पर कुल आठ हेलमेट कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं. ट्रेनों की जांच करने वाले कर्मियों के सिर की सुरक्षा के साथ ही ये हेलमेट ट्रेन के तमाम उन पुर्जों की जांच में मदद करेगा.
रात के वक्त भी समस्या चुटकी में होगा समाधान: इस हेलमेट सिस्टम के आने से ट्रेनों के इन व आउट हिस्से के बड़े से लेकर छोटे पार्टस की तुरंत जांच हो सकेगी. इसके साथ ही रेल लाइन पर काम करने वाले रेल कर्मियों की सुरक्षा भी होगी. अभी तक इस सिस्टम के नहीं होने से दौड़ती ट्रेनों के छोटे पार्टस की पूरी जांच करने में काफी दिक्कत होती थी. अब अगर रात में भी ट्रेन के किसी भी छोटे पार्टस में खराबी आती है तो इसका तुरंत पता लग सकेगा.