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पुणे पॉर्श एक्सीडेंट के आरोपी नाबालिग को रिहा करने के आदेश से पीड़ित परिजन हैरान और आहत - Pune PORSCHE accident case

पुणे पॉर्श एक्सीडेंट के मुख्य आरोपी नाबालिग को रिहा करने के आदेश पर पीड़ित परिजनों ने हैरानी जताई है. पीड़ित परिजनों ने मुंबई हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि हम लोगों की पीड़ा समझने की कोशिश करें. हालांकि परिजनों ने न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा जताया है.

Pune PORSCHE accident case
पुणे पॉर्श एक्सीडेंट के आरोपी नाबालिग को रिहा करने के आदेश (ETV BHARAT)

By PTI

Published : Jun 25, 2024, 7:48 PM IST

जबलपुर (PTI)।मुंबई हाईकोर्ट ने पुणे पॉर्श कार एक्सीडेंट के मुख्य आरोपी बड़े कारोबारी के नाबालिग बेटे को रिहा करने का आदेश दिया है. इससे आहत इस हादसे का शिकार हुए युवत-युवती के परिजनों ने कोर्ट से इस आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. हादसे में मृत युवती की मां ने न्यायाधीशों से अपील की है "हमारे परिवार का दर्द को समझने का प्रयास करें."

हादसे में मृत युवक व युवती एमपी के रहने वाले

गौरतलब है कि अश्विनी कोष्टा और उसके दोस्त अनीश अवधिया दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. दोनों पुणे में आईटी पेशेवर थे. ये हादसा 19 मई को हुआ था. जब लग्जरी कार चला रहे किशोर ने कथितर रूप से शराब के नशे में चूर होकर भीषण हादसा किया था. पुणे के कल्याणी नगर में कार ने दोपहिया वाहन को भीषण टक्कर मारी थी. बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने मंगलवार को किशोर को पर्यवेक्षण गृह से तुरंत रिहा करने का आदेश दिए हैं. यह देखते हुए कि किशोर न्याय बोर्ड के रिमांड आदेश अवैध थे और अधिकार क्षेत्र के बिना पारित किए गए थे.

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पीड़ित परिजनों ने कोर्ट से लगाई गुहार

पीड़ित परिजन ये खबर देखकर स्तब्ध रह गए. अश्विनी कोष्टा की मां ममता कोष्टा का कहना है "हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उन्होंने बहुत सोच-विचार के बाद ही फैसला लिया होगा. हालांकि, मैं न्यायाधीशों से अनुरोध करती हूं कि वे उस मां के दर्द को समझें जिसने अपनी बेटी को खो दिया है. एक्सीडेंट करने वाले को सजा दी जानी चाहिए ताकि जनता न्यायिक प्रणाली पर भरोसा कर सके."उन्होंने याद दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि न्याय मिलेगा. न्यायाधीशों से मेरा एकमात्र अनुरोध उस मां के दर्द को समझना है जिसने अपनी बेटी को खो दिया है.

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