बोधगया में शोभायात्रा निकाली गई गया:भगवान बुद्ध व उनके दो प्रमुख शिष्यों सारिपुत्र तथा महामोगल्यान के पवित्र अस्थियों के साथ आज बोधगया में शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभायात्रा में भारत के अलावे श्रीलंका, भूटान, तिब्बत, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल सहित कई अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु शामिल थे.
गया में शोभायात्रा निकालीःशोभायात्रा में शामिल श्रीलंकाई कलाकारों की टीम आकर्षण का केंद्र बिंदु रही. इन कलाकारों के द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी गई. भगवान बुद्ध और उनके प्रमुख शिष्यों की अस्थियां रथ पर रखी गयी थी. इस मौके पर महाबोधी सोसाइटी के महासचिव भंते पी शिवली थेरो ने बताया कि जय श्री महाबोधि विहार का 17 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है.
"भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की अस्थियां का दर्शन कराया गया है. जय श्रीमहाबोधि विहार में भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की अस्थियां वर्षों से सुरक्षित रखी गयी है. साल में तीन दिन अस्थियों को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ प्रदर्शित की जाती है. विश्व शांति और मानवता के कल्याण को लेकर विशेष पूजा पाठ भी की गई है."-भंते पी शिवली थेरो, महासचिव, महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया.
बौद्ध धर्म के लिए आस्था का केंद्रः बता दें कि बिहार का बोधगया बैद्ध धर्म के लिए आस्था का केंद्र हैं. यहां देश-विदेश से बौद्ध श्रद्धालु पहुंचते हैं. बोधगया वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए यह बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए अहम माना जाता है. बोधगया दुनिया का सबसे पवित्र शहर माना जाता है. हर साल यहां बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का प्रवचन का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
यह भी पढ़ेंःतीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव 2024 का आगाज, देश-विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु