केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (ETV BHARAT ALWAR) अलवर : एनसीआर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख टाइगर रिजर्व सरिस्का को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की तैयारी है. राज्य सरकार ने पिछले दिनों बजट में इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने की घोषणा की थी. मंगलवार को अलवर के मिनी सचिवालय सभागार में हुई बैठक में केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरिस्का से गांवों के विस्थापन, जिले में पर्यटन विकास समेत अन्य मुद्दों की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे. इस बैठक में प्रदेश के वन व पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद रहे.
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अलवर में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं. जिले में बड़ी संख्या में प्राकृतिक और ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल हैं. उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न विभागों से समन्वय कर पर्यटन विकास में तेजी लाने के निर्देश दिए.
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सरिस्का से गांवों के विस्थापन कार्य में तेजी लाएं : केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि सरिस्का बाघ परियोजना में गांवों के विस्थापन प्रक्रिया में तेजी लाएं. इसके लिए विस्थापन से शेष रहे गांवों में रहने वाले परिवारों से समन्वय कर केंद्र व राज्य सरकार के पैकेज और मूलभूत सुविधाओं की जानकारी देकर सहमति प्राप्त की जाए. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को विस्थापन के लिए तिजारा के गिदावडा रूंध में चिन्हित 700 हैक्टेयर भूमि की अनापत्ति पर्यावरण विभाग से लेने के लिए जल्द आवेदन करने के निर्देश दिए. उन्होंने विस्थापित हो चुके परिवारों को खातेदारी अधिकार दिलाने के निर्देश दिए.
सीएसी की सिफारिशों की हो पालना :केंद्रीय मंत्री यादव ने सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीएसी) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश रिपोर्ट की सिफारिशों की पालना समयबद्ध रूप से कराने के निर्देश दिए. साथ ही वन विभाग की भूमि का अमल-दरामद कराने को कहा.
बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर हुई चर्चा :बैठक में सरिस्का के आसपास के लोगों को प्रशिक्षण दिलाना, ईको ट्यूरिज्म, बर्ड वाचिंग पॉइंट विकसित कराने, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से सरिस्का को जोड़ने की बजट घोषणा को मूर्तरूप देने, टाइगर डेडिकेटेड म्यूजियम की स्थापना, भर्तृहरि धाम का विकास कराने, वन क्षेत्र से जूली फ्लोरा हटाने, प्लास्टिक फ्री जोन के लिए कार्य योजना तैयार कर अमल में लाने, सिलीसेढ झील को रामसर साइट के प्रस्ताव पर कार्य करने, सरिस्का के आसपास के पर्यटन स्थलों व जिले के पर्यटन स्थलों का संरक्षण आदि प्रस्ताव तैयार करने पर चर्चा की गई.