पटनाः बिहार में स्मार्ट मीटर का मामला तूल पकड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने अफवाह फैलाने का आरोप लगाया. ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि जगदानंद सिंह के यहां स्मार्ट मीटर लगा है, उनका बिल कम आ रहा है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस मुद्दे पर कहा कि राजद जब डेढ़ साल सत्ता में था, तब क्यों नहीं स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी नजर आई? शनिवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर इन आरोपों का जवाब दिया.
जगदानंद सिंह ने बतायी अपनी तकलीफः बिजली बिल कम आने के सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा कि यदि उनके घर का बिजली बिल काम आता है तो क्या इससे पूरे बिहार के लोगों की तकलीफ कम हो गई. उन्होंने बताया कि कैसे उनका बिजली बिल कम हुआ. उनका दो कमरे का मकान है, लेकिन एक ही कमरे में रहते हैं. जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि उनकी हैसियत नहीं है कि दो कमरे के बिजली का बिल भर सकें. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार से उन्हें पेंशन मिलती है, इसके बाद भी बिल देने में असहज हैं.
जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष. (ETV Bharat) "क्या मेरी सुख सुविधा बिहार की सुख सुविधा बन जाएगी. नहीं, हम बिहार के दुख में शामिल होने वाले लोग हैं, सुविधाभोगी नहीं हैं. पांच हजार आठ हजार रुपये के लिये तीन करोड़ लोग पलायन कर रहे हैं. उसके क्यों बर्बाद कर रहे हैं लोग (सरकार)."- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राजद
राजनीति का मुद्दा बन रहा स्मार्ट मीटरः राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक बार फिर स्मार्ट मीटर को लेकर बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए पहले के मीटर और अभी के स्मार्ट मीटर में कोई समानता नहीं है. बिहार का कोई भी आम लोग स्मार्ट मीटर के पक्ष में बोलता हुआ नहीं दिख रहा है. इसलिए राष्ट्रीय जनता दल का भी यह मानना है कि जो नई व्यवस्था है, वह सिर्फ लूट का एक माध्यम है.
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नेता. (ETV Bharat) पुराना मीटर बदलने की क्या जरूरतः बिजली विभाग पर सवाल उठाते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि पुराने मीटर बदलने की क्या जरूरत थी. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनको बिजली का बिल क्यों दिया जा रहा है. जितना आम आदमी को बिल देना पड़ रहा है उतना हम भी बिल का भुगतान करते हैं. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर मुद्दे पर नीतीश कुमार को बाहर निकाल कर बोलना पड़ रहा है.
स्मार्ट मीटर का मुद्दा क्यों उठायाः जगदानंद सिंह ने सरकार के द्वारा जारी पत्र को दिखाते हुए कहा कि 15 सितंबर को मुख्यमंत्री ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखा है, जिसमें अधिकारियों को आदेश दिया है कि बलपूर्वक सभी के यहां स्मार्ट मीटर लगाया जाए. आम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उस समय तक राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को नहीं उठाया था. लेकिन जब लोगों को धमकाने का काम किया जा रहा है, तब राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को उठाने का काम कर रही है.
बलपूर्वक मीटर लगाने का आरोपः जगदानंद सिंह ने कहा कि अपने पत्र के माध्यम से सभी जिला पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ जाकर इस आदेश का पालन किया जाए. सरकार अब लाठी डंडा दिखा कर स्मार्ट मीटर लगाने का प्रयास कर रही है. बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर जो भी विवाद है उसके दोषी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से सरकार बिजली खरीदती है, लेकिन 5.85 से लेकर 8 रु तक की दर से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है.
जगदानंद सिंह (ETV Bharat) किसान की बिजली बेच रही सरकारः बिहार सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि बिहार के किसानों को मात्र 8 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है. कृषि फीडर लगाने की बात हो रही थी, लेकिन अब तक नहीं लगी. बिहार के किसानों को बजली नहीं मिल रही है लेकिन बिहार सरकार दूसरे राज्यों को बिजली बेची है. 5 रु में खरीदती है, अन्य राज्यों को 4 रु की दर से बिजली बेची जा रही है. सरकार को करोड़ों रु के राजस्व का नुकसान हुआ है.
ग्रामीण विद्युतीकरण योजना लालू प्रसाद की देनः जगदानंद सिंह ने कहा कि लालू यादव जब केंद्र सरकार में मंत्री थे उस समय 2005 में राजीव गांधी विद्युत योजना की शुरुआत हुई थी. मनमोहन सिंह की सरकार ने ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरुआत की थी. जदयू और बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोग लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को अंधेरा युग बताते हैं, लेकिन हकीकत है कि लालू यादव केंद्रीय मंत्री थे तब ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की शुरुआत हुई थी.
आरजेडी करेगा आंदोलनःबता दें कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ आरजेडी हमलावर है. 1 अक्टूबर से RJD इसके खिलाफ आंदोलन करेगी. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जदगानंद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर जहां-जहां लग रहा है, उसका लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली बिल अधिक आ रहा है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट से बिहार के लोगों की परेशानी बढ़ी है.
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