भोपाल: 40 साल बाद भोपाल की यूनियन कार्बाइड में फैले कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने और स्थानीय स्तर पर हो रहे विरोध को लेकर मुख्ममंत्री मोहन यादव ने जवाब दिया है. सीएम मोहन यादव ने कहा है कि "इसको लेकर स्थानीय लोग आशंका न पालें, क्योंकि वैज्ञानिकों के मुताबिक 25 साल बाद जहरीले कचरे का असर अपने आप खत्म हो जाता है. तमाम रिचर्स के बाद ही इसे नष्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है.
सीएम ने कहा कि यहां तक जले हुए कचरे से निकलने वाली राख को कंटेनर में भरकर रखा जाएगा. स्थानीय लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए धार जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लोगों से चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा है."
मोहन यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधा (ETV Bharat) 25 साल में जहर का असर खत्म
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अपशिष्ट पदार्थ को नष्ट करने के पहले 10 साल पहले इसको जलाने का परीक्षण किया गया था. इसके बाद इसके स्थानीय लोगों पर प्रभाव, आसपास की फसलों पर हुए नुकसान और भूजल पर पड़ने वाले असर का अध्ययन किया गया था. इस अध्ययन की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया. तमाम विशेषज्ञों की राय, रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही अपशिष्ट पदार्थ का निष्पादन करने इसे भेजा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसे किसी भी जहरीले कचरे की विषाक्तता 25 साल के दौरान अपने आप खत्म हो जाती है, जबकि यूनियन कार्बाइड के कचरे को 40 साल हो गए हैं. यह उन आशंकाओं का जवाब है, जो इस कचरे के निष्पादन को लेकर पैदा की जा रही है."
यूनियन कार्बाइड कचरा शिफ्टिंग पर बोले मोहन यादव (ETV Bharat) कांग्रेस के आकाओं की वजह से हुई थी मौतें
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि "अपशिष्ट पदार्थ को जलाने के पहले फैक्ट्री के नीचे सीमेंट कंक्रीट बनाया गया है. साथ ही इसको जलाने के बाद जो राख निकलेगी, उसे भी कंटेनर में भरकर रखा जाएगा. कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नीचे कंक्रीट होगा, तो फिर जमीन में पानी कैसे जाएगा. कांग्रेस के आकाओं के दौर में भोपाल में लोगों के मरने के लिए इसमें पानी पहुंचाया गया था, जो यह सवाल उठा रहे हैं, उनके पाप के किस्से भी बताने पड़ेंगे.
उनके शासन काम में ही यह फैक्ट्री चल रही थी और उसके 20 साल बाद भी कुछ नहीं किया. वह अब पीथमपुर में विरोध कर रहे हैं, लेकिन भोपाल में आकर कुछ बात नहीं करते. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक चश्मे के कारण लोग कुछ भी बोल रहे हैं, उनको लेकर कोई कुछ नहीं कह सकता."
बाकी कचरे का क्या होगा ?
उधर यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में अन्य स्थानों पर पड़े कचरे को लेकर मुख्यमंत्री से जब सवाल किया गया कि बाकी कचरे का क्या होगा ? जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ उसके बारे में बता दिया जाएगा.