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रांची में छात्रों पर लाठीचार्ज: कांग्रेस का आरोप- भाजपा कर रही अभ्यर्थियों को भ्रमित, भाजपा ने की जांच की मांग - LATHICHARGE ON STUDENTS

रांची में प्रदर्शनकारी छात्रों पर हुई लाठीचार्ज को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है.

Political rhetoric over lathi charge on protesting students in Ranchi
कांग्रेस के नेता और भाजपा विधायक (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 5 hours ago

रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्ष (JSSC-CGL EXAM) परीक्षा 2023 को रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान उन पर पुलिसिया कार्रवाई हुई और लाठीचार्ज किया गया. इस मुद्दे को लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है.

भाजपा के साथ साथ सरकार की सहयोगी सीपीआई माले की छात्र इकाई आइसा ने भी विरोध किया है. वहीं कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने छात्रों के विरोध के पीछे भाजपा के नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वह सरकार पर भरोसा करें और अपने पढ़ाई में जुट जाएं. क्योंकि बड़ी संख्या में नियुक्ति फिर निकलने वाली है.

छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर सियासी बयानबाजी (ETV Bharat)

कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि भाजपा बेवजह की बात करके अभ्यर्थियों को भ्रमित कर रही है. आंदोलन के नाम पर कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो भाजपा के नेता बनना चाहते हैं. इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने भी छात्रों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई की निंदा जरूर की है.

सरकार का तानाशाही रवैया उजागर- भाजपा विधायक

वहीं छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध करते हुए भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जिन छात्रों को झूठे सपने दिखाकर इंडिया ब्लॉक ने वोट पाया. आज उन्हीं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं. आज हेमंत सरकार की तानाशाही उजागर हुई है. छात्र सिर्फ परीक्षा में हुई गड़बड़ी का निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे तो उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं.

आइसा ने भी किया विरोध

झारखंड आइसा के उपाध्यक्ष रंजीत सिंह चेरो ने लाठीचार्ज का विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य में JSSC-CGL परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों में गहरा असंतोष और आक्रोश है. ये राज्य की परीक्षा प्रणाली और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है. छात्र जब अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, तब सरकार को संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए न कि उनपर लाठी बरसानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने भाजपा की रघुवर सरकार की तरह लाठीचार्ज कर उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया है जिसका आइसा तीव्र शब्दों में निंदा करती है. छात्रों का यह आंदोलन केवल परीक्षा परिणामों की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए नहीं, बल्कि बेरोजगारी और भविष्य की अनिश्चितता के खिलाफ युवाओं के व्यापक संघर्ष का प्रतीक है. सरकार और JSSC को छात्रों के साथ समन्वय स्थापित कर वार्ता करनी चाहिए थी. लेकिन इसके बजाय बल प्रयोग कर स्थिति को और गंभीर बना दिया.

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