नालंदा:अमोनिया सेहत के लिए जहर से कम नहीं है. यह खून में जमा होकर कई बीमारियों को जन्म देता है., लेकिन इस अमोनिया से सब्जियों का राजा आलू भी बचा नहीं सका. बिहार के नालंदा से ऐसा ही मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार बिहार के बाजारों में अमोनिया युक्त आलू धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.
बिहार में आलू हुआ जहरीला!: सबसे बड़ी बात ये है कि इस अमोनिया युक्त जहरीले आलू की मंडियों में बिकने की खबर से प्रशासन और जनता दोनों बेखबर है. हालांकि जब ईटीवी की टीम ने बिहारशरीफ के सब्जी मंडी के व्यापारी दिनेश सिंह और विपीन प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.
"सब जगह का मौसम अलग-अलग रहता है, जिस वजह से कहीं पहले तो कहीं बाद में आलू की उपज होती है, जो बाजार में आता है. नया आलू छत्तीसगढ़ में होता है. अमोनियम मिलाकर बेचने का आरोप गलत है. पुराना आलू 32 रुपये किलो बिक रहा. वहीं नया 35 रुपये किलो बिक रहा है.ऐसा करके क्या फायदा होगा?"-दिनेश प्रसाद, व्यापारी
"अमोनियम युक्त आलू बाज़ार में आया है, इसकी जानकारी नहीं है. बाहर से आलू आ रहा है. सब बोल रहा है कि छत्तीसगढ़ से आलू आ रहा है, लेकिन हमें नहीं पता कहां से आया है. हम तीन तरह के आलू बेच रहे हैं. 26 रुपये किलो आलू बेच रहे हैं. लाल आलू 28 रुपये किलो बिक रहा है."- विपीन सिंह, व्यापारी
वहीं व्यापारियों का कहना है कि जबसे यह खबर सामने आई है कि अमोनिया का घोल युक्त आलू झारखंड से सप्लाई हो रहा है, तबसे नए आलू का व्यवसाय घट गया है. वहीं, खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि नया आलू जो बाज़ार में आया है, वो एक दिन में 25 से 30 किलो बिकता है.
'कुछ घंटे में खराब हो जाता है' :नए आलू को बेचने के दौरान मंडी में 35 रुपए किलो और बाज़ार का भाव 60 रुपए किलो हो जाता है. अभी बाज़ार में नया आलू झारखंड और ओडिशा से आ रहा है. अगर केमिकल युक्त आलू होता है तो घंटे दो घंटा में काला हो जाता और उसका स्वाद भी नहीं होगा.
लोगों ने की बैन लगाने की मांग : वहीं, इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि बाजार में केमिकल युक्त आलू पर सरकार को तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. यह सेहत को खराब कर रहा है, लेकिन नये आलू के संबंध में केमिकल मिलाने की किसी को जानकारी नहीं है.
ऐसे पुराने आलू को नया बनाते हैं: बता दें कि बाजार में इनदिनों जो नया आलू बिक रहा है वह जहरीला बताया जा रहा है. मुनाफ़े के लिए अमोनिया के घोल में 12 घंटे पुराने आलू को फुलाने के बाद लाल मिट्टी में रगड़ कर तैयार किया जा रहा है. इस मामले में नालंदा डॉ. अभिजीत कुमार ने बताया कि अभी नये आलू में जहरीला केमिकल मिलाकर बेचने की जानकारी नहीं है.