मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ये शहर बनेंगे देश के नए पवित्र स्थान, श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को तीर्थस्थल बनाने का ऐलान - Ujjain Sandipani Ashram

मध्यप्रदेश में स्थित भगवान श्री कृष्ण से संबंधित स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम के साथ ही आसपास के नारायण धाम, अमझेरा धाम एवं जानापाव धाम का विकास किया जाएगा. ये घोषणा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने की.

Ujjain Sandipani Ashram
सांदीपनि आश्रम का धार्मिक महत्व (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 3:23 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 6:05 PM IST

उज्जैन।उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम वह पवित्र स्थल है, जहां द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा ने शिक्षा ग्रहण की. यह आश्रम भारतीय संस्कृति और धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. जहां श्री कृष्ण ने केवल 64 दिन में 64 विभिन्न कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था. महर्षि सांदीपनि आश्रम का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. यहां भगवान श्री कृष्ण ने 4 दिन में ही 4 वेद, 6 दिन में 6 शास्त्र, 16 दिन में 16 विधाएं और 18 दिन में 18 पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया. सांदीपनि आश्रम में श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की शुरुआत भी हुई थी. जब वे दोनों लकड़ी बीनने नारायणा गांव तक जाते थे.

मध्यप्रदेश में श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को तीर्थस्थल बनाने की घोषणा (ETV BHARAT)

इस बार महर्षि सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन

कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महर्षि सांदीपनि आश्रम विशेष रूप से जीवंत हो उठता है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशा के अनुसार इस बार का जन्मोत्सव भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा. देशभर से हजारों श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के दर्शन के लिए आते हैं. जन्माष्टमी के दिन यहां की अद्भुत प्रतिमाओं का पूजन-अभिषेक और आधी रात को होने वाली महाआरती विशेष आकर्षण होते हैं. सांदीपनि आश्रम की पौराणिक कहानियों में से एक कथा यह है कि श्री कृष्ण ने 11 वर्ष की उम्र में कंस का वध करने के बाद यहां 64 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया.

उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम (ETV BHARAT)

ALSO READ:

सांदीपनि आश्रम में निभाई गई 5 हजार साल पुरानी परांपरा, बच्चों का कराया विद्यारंभ संस्कार

उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने 64 दिन में सीखीं 64 विद्याएं और 16 कलाएं

नारायणा गांव में सुदामा व श्री कृष्ण की कहानी

गुरु सांदीपनि के स्नान के लिए गोमती नदी पर जाने के कष्ट को देखकर श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से गोमती कुंड का निर्माण किया, जो आज भी आश्रम में स्थित है. इस कुंड में भगवान श्री कृष्ण के चरण पादुका और अंकपाद देखे जा सकते हैं. वहीं, सुदामा और श्री कृष्ण की मित्रता की कहानी नारायणा गांव से भी जुड़ी है, जहां उन्होंने वर्षा के दौरान रात्रि-विश्राम किया था. यहां एक सुंदर मंदिर स्थित है, जिसमें श्री कृष्ण और सुदामा की प्रतिमाएं स्थापित हैं. इसके अलावा, दो वृक्ष भी हैं, जिन्हें श्री कृष्ण द्वारा छोड़ी गई लकड़ियों से उगने की मान्यता है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने उज्जैन से कई महत्वपूर्ण यात्राएं कीं, जिनमें नारायणा, जानापाव, अमझेरा, द्वारका, और मथुरा शामिल हैं. इन यात्राओं के माध्यम से श्री कृष्ण ने धर्म, अध्यात्म और वेदों के ज्ञान का प्रसार किया.

Last Updated : Aug 23, 2024, 6:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details