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मुखिया का पावर खत्म..! अब बिना टेंडर पंचायतों में नहीं होंगे विकास कार्य, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला - Bihar Cabinet Meeting

NITISH CABINET DECISION REGARDING PANCHAYAT: अब बिहार के पंचायतों में होने वाले विकास कार्य बिना टेंडर के नहीं कराए जा सकेंगे. शुक्रवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया. इस फैसले ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों पर कैंची चला दी है, पढ़िये पूरी खबर,

नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले
नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 19, 2024, 7:44 PM IST

एस सिद्धार्थ,अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग (ETV BHARAT)

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में कैबिनेट ने पंचायत के विकास कार्यों से जुड़ा एक अहम फैसला लिया, जिसके अनुसार अब पंचायत में होनेवाले विकास कार्य बिना टेंडर के नहीं होंगे. इस फैसले के बाद अब 15 लाख से कम राशि वाले विकास कार्य के लिए भी टेंडर जरूरी हो गया है.

पंचायती निर्माण कार्य मैन्युअल को मंजूरीःशुक्रवार को हुई बैठक में नीतीश सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य मैन्युअल को कैबिनेट में स्वीकृति दे दी. फैसले की जानकारी देते हुए कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि "इसको लेकर अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं थी."

कतरे गये मुखिया और वार्ड सदस्यों के पर: नीतीश सरकार के इस अहम फैसले से मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों में कटौती हो जाएगी. अब तक पंचायतों में होनेवाले विकास कार्यों में 3 स्तरीय पंचायत के कर्मचारियों को अभिकर्ता बनाया जाता था और कराए गए कार्यों के लिए राशि का भुगतान मुखिया, पंचायत सचिव, प्रमुख , मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की स्वीकृति से किया जाता था.

'गड़बड़ियों पर लगेगी लगाम' : कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि "विभागीय कर्मियों को योजनाओं का अभिकर्ता बनाए जाने से वे पंचायत से जुड़े अन्य उत्तरदायित्व के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं. वहीं जांच के दौरान खराब गुणवत्ता एवं अन्य वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर विभागीय कर्मियों को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है."

"15 लाख तक की योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत पंचायत समिति हेतु पंजीकृत स्थानीय अभिकर्ताओं के माध्यम से कराया जाएगा. कार्य करने के लिए ग्राम पंचायत समिति हेतु पंजीकृत अभिकर्ता से टेंडर मंगाए जाएंगे और न्यूनतम बोली वाले अभिकर्ता से कार्य कराया जाएगा. किसी एक अभिकर्ता को किसी एक वित्तीय वर्ष में एक साथ अधिकतम दो कार्य ही दिए जाएंगे"- एस सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग

अधिकतम अवधि का भी निर्धारणःयोजनाओं को पूरा करने के लिए अधिकतम अवधि भी निर्धारित कर दी गयी है. जिसके तहत 15 लाख तक के कार्य 6 महीने में करने होंगे और 15 लाख से 50 लाख तक के कार्य आठ महीने में पूरे करने होंगे. वहीं 50 लाख से 1 करोड़ तक के कार्य 10 महीने में पूरा करने होंगे, जबकि एक करोड़ से 2 करोड़ तक के कार्य 12 महीने में पूरे करने होंगे और 2 करोड़ से 5 करोड़ तक के कार्य 15 माह में पूरे करने होंगे, जबकि 5 करोड़ से अधिक के कार्य 18 महीने में पूरे करने होंगे.

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