पटना : पटना हाई कोर्टने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अनारक्षित पदों पर आरक्षण देने के बजाय सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण देने पर राज्य सरकार सहित बिहार तकनीकी सेवा आयोग से जबाब तलब किया है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने अजय कुमार लाल व अन्य की याचिकायों पर सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में जबाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
सीधी भर्ती में आरक्षण का मामला : आवेदकों की ओर से वरीय अधिवक्ता डीके सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार अनारक्षित उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध पदों पर आरक्षण देने के बजाय सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण दे रही हैं. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का कानून हैं.
सरकार के नियम 4 को चुनौती : आवेदक के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इन्हें आरक्षण देने के बजाय सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण दे रही हैं. उन्होंने सरकार के नियम 4 को चुनौती देते हुए कहा कि जब दस प्रतिशत आरक्षण देना है , तो फिर कैसे कोई सीधी भर्ती में आरक्षण दे सकता हैं. उन्होंने इस नियम को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की. वहीं, सरकार की ओर से आवेदकों की ओर से पेश दलील को नामंजूर करते हुए कहा गया कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण दे रही है.