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बिहार में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट मामले पर HC में सुनवाई, स्टेट फार्मेसी काउंसिल को पार्टी बनाने के निर्देश - PATNA HIGH COURT - PATNA HIGH COURT

Patna High Court पटना हाईकोर्ट में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट की पर्याप्त संख्या नहीं होने के मामले पर 23 अगस्त को सुनवाई हुई. कोर्ट ने बिहार स्टेट फार्मेसी कॉउन्सिल को पार्टी बनाये जाने का निर्देश दिया. अब इस मामले में 6 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. पढ़ें, विस्तार से.

पटना हाईकोर्ट.
पटना हाईकोर्ट. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 23, 2024, 5:20 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट की पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह बिहार स्टेट फार्मेसी काउंसिल को पार्टी बनाये. कॉउन्सिल भी कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी. इस मामले में अगली सुनवाई 6 सितम्बर को की जाएगी.

क्यों दायर की गयी याचिकाः यह जनहित याचिका मुकेश कुमार ने दायर की है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशान्त सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि राज्य में लगभग 10 हजार अस्पताल हैं, जबकि निबंधित फार्मासिस्टों की संख्या 6 सौ से कुछ अधिक है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि डॉक्टरों द्वारा लिखे गए पर्ची पर निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा दवा नहीं दी जाती है. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि बहुत सारे सरकारी अस्पतालों में अनिबंधित नर्स, एएनएम, क्लर्क ही फार्मासिस्ट का कार्य करते हैं.

स्वास्थ्य से खिलवाड़ः अधिवक्ता प्रशान्त सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि अनिबंधित नर्स, एएनएम, क्लर्क से काम लेना न केवल सम्बंधित कानून का उल्लंघन है बल्कि आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि फार्मेसी एक्ट, 1948 के तहत फार्मेसी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों के अलग-अलग पदों का सृजन किया जाना चाहिए. लेकिन बिहार सरकार ने इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है.

कमेटी गठित करने की मांगः याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील रखते हुए कहा था इससे आम लोगों का स्वास्थ्य और जीवन पर खतरा उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि फार्मेसी एक्ट 1948 के अंतर्गत बिहार राज्य फार्मेसी कॉउन्सिल के क्रियाकलापों और भूमिका की जांच के लिए एक कमिटी गठित की जाए. ये कमिटी कॉउन्सिल की क्रियाकलापों की जांच करें, क्योंकि ये गलत तरीके से जाली डिग्री देती है.

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