अररियाःअररिया का रहने वाला हारून दिहाड़ी मजदूरी करता है. कभी काम मिलता है तो कभी खाली हाथ घर बैठना पड़ता है. मुश्किल से महीने का 3 से 4 हजार रुपए कमा पाता है, लेकिन इस 3 से 4 हजार रुपए में 8 बच्चे ( 5 बेटे और तीन बेटी) और खुद पति-पत्नी का पेट कैसे भरेगा? इस परेशानी को दूर करने के लिए उसने फाइनेंस कंपनी से 50 हजार रुपए का लोन ले लिया लेकिन यह लोन उसके लिए मुसीबत साबित हो गयी.
8 में एक बच्चा बेचने की सलाहः हारून लोन का किस्त समय से नहीं चुका पाया. इसके बाद उसे बैंक वाले लोन चुकाने के लिए दवाब बनाने लगे. अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह बैंक को रुपया कहां से चुकाए. दोनों पति-पत्नी परेशान थे. हारून की पत्नी ने इसकी जानकारी अपने भाई तनवीर को दी. इसके बाद भाई ने उसे अपने एक बच्चे को बेचने की सलाह दी. कहा कि 8 में से एक बच्चे को बेच दो. इसके बदले जो पैसा मिलेगा उसी से लोन सधा लेना.
बेंगलुरु में दो लाख था सौदाः दरअसल, यह हैरान करने वाला मामला अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के पचीरा पंचायत वार्ड-6 का है. पुलिस के अनुसार हारून के साला ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बेंगलुरु में एक व्यक्ति से 2 लाख रुपए में सौदा किया था. आरीफ बच्चे को लेकर बेंगलुरु जाने वाला था लेकिन इसी दौरान जागरण कल्याण भारती नामक संस्था ने पुलिस की मदद से बच्चों को आरीफ के घर से सकुशल बरामद कर लिया.
अररिया में बच्चा बेचने का खुलासाः इस मामले में रानीगंज पुलिस मो. आरोपी से पूछताछ कर रही है. मामा फरार बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक जब आरीफ से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि बच्चा का माता-पिता काफी गरीब है. इसलिए बच्चे का पालन पोषण के लिए उसके पास छोड़ गए हैं. इसके बाद पुलिस ने बच्चे के माता-पिता और बुआ से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हो गया.