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50 हजार लोन के लिए 4 साल से चक्कर काटने में खर्च हुए 12 हजार, दिव्यांग युवक ने बताई आपबीती - Panna Collector public hearing - PANNA COLLECTOR PUBLIC HEARING

पन्ना कलेक्टर की जनसुनवाई में एक बेरोजगार दिव्यांग युवक ने अपनी फरियाद सुनाई. युवक का कहना है "वह 4 साल बैंक के चक्कर लगा रहा है. बैंक मैनेजर ने कोटेशन भी बनवा लिया लेकिन लोन नहीं मिला." ये युवक किराना दुकान के लिए ₹50 हजार लोन चाह रहा है. इसे पाने के लिए उसके अब तक ₹12 हजार खर्च हो चुके हैं.

Panna Collector public hearing
दिव्यांग युवक ने जनसुनवाई में बताई आपबीती (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 5:34 PM IST

पन्ना।नरेंद्र कुशवाहा ग्राम कोडनपुरवा ग्राम पंचायत रानीगंजपुरवा का निवासी है. जन सुनवाई में शिकायत करते हुए नरेंद्र कुशवाहा ने बताया "4 साल पहले मैंने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत किराना की दुकान खोलने के लिए ₹50 हजार लोन के लिए आवेदन किया था. बैंक वालों ने कहा कि आपका लोन पास हो गया है. आप कोटेशन तैयार कर लीजिए. मैंने सभी दस्तावेज बैंक में जमा कर दिए. इसके बाद भी आज 4 साल बीत गए हैं. बैंक ने मुझे आज तक लोन नहीं दिया है."

पन्ना कलेक्टर की जनसुनवाई में बेरोजगार दिव्यांग युवक ने सुनाया दर्द (ETV BHARAT)

आने-जाने में ही काफी रकम खर्च हो गई

दिव्यांग नरेंद्र का कहना है "बैंक वाले बार-बार आश्वासन देते हैं, वह परेशान हो गया है. बार-बार बैंक आने-जाने में खर्च करते-करते मेरे ₹12 हजार खर्च हो गए हैं पर मुझे बैंक से आज तक लोन नहीं मिला है." नरेंद्र ने पन्ना कलेक्टर की जनसुनवाई में लिखित शिकायत की है. नरेंद्र का कहना है "उसने सोचा था कि वह विकलांग है. मेहनत वाला काम नहीं कर सकता. इसीलिए छोटी सी किराना दुकान खोलकर अपना जीवनयापन करेगा, पर बैंक ने लोन ही नहीं दिया."

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बैंक का विलय हो गया, अब तक नहीं मिला लोन

नरेंद्र ने बताया "पिछले 4 वर्षों से बैंक के चक्कर काट रहा हूं. पहले देना बैंक था अब बैंक भी बदल गया है. देना बैंक, बैंक आफ बडौदा में मर्ज हो गया है पर मुझे लोन नहीं दिया गया. बैंक से मेरा घर लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे आने-जाने में काफी खर्च हो गया है." वहीं, इस मामले में बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता का कहना है "अभी मुझे 15 दिन ज्वाइन किए हुए हैं. पूरा मैटर देखना पड़ेगा. आप हितग्राही से बोलिए कि वह मुझसे मिलने आए."

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