बालाघाट: इन दिनों जिले के परसवाड़ा क्षेत्र में श्रीमद् भागवत कथा की अमृतमयी गंगा बह रही है, जहां श्रद्धालुजन इस ज्ञान गंगा में गोते लगाते नजर आ रहे हैं. फिलहाल पूरा क्षेत्र धर्म के रंग में रंगा हुआ है और इस भक्तिमय माहौल में कथा श्रवण कर लोग भक्ति के रस में डूबे भावविभोर नजर आ रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र के समीपस्थ ग्राम चंदना में कथा जारी है. यहां आचार्य कौशिक जी महाराज के मुखारबिन्द से श्रीमद् भावगत कथा का वाचन हो रहा है.
आसपास के जिलों से भी कथा सुनने आ रहे श्रद्धालु
यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का यहां पर तांता लगा हुआ है. केवल क्षेत्र के लोगन ही नहीं, अपितु आसपास के जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी आचार्य कौशिक जी महाराज की कथा का श्रवण करने भारी तादाद में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा है. कथा के दौरान प्रतिदिन श्रीमद् भागवत पुराण के अलग अलग प्रंसगों का वर्णन जारी है. शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्म की लीला का वृतांत सुनाया गया. वहीं सुंदर झांकी के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. इस दौरान कथा पंडाल पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन के दौरान बाजे गाजे के साथ देवकी वसुदेव के साथ स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की जीवंत झांकी आकर्षण का केन्द्र बनी रही. कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान पंडाल पर श्रद्धालु जमकर थिरकते नजर आए.
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मंत्री संपतिया उईके ने की शांति व खुशहाली की कामना
श्रीमद् भागवत पुराण का श्रवण करने पीएचई मंत्री संपतिया उईके पंहुची. उन्होंने आचार्य कौशिक जी महाराज से भेंट की और पंडाल में बैठकर कथा का रसास्वादन किया. संपतिया उईके ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा "इस तरह के धार्मिक आयोजनों से क्षेत्र में सुख शांति के साथ साथ खुशहाली बनी रहती है. कौशिक जी महाराज कथा को सरलता और सहजता से सुनाते हैं. साथ ही वह गौमाता के पालन को लेकर वे अपने प्रसंगों के माध्यम से प्रेरणा देते हैं." बता दें कि कथा का आयोजन प्रति दिन दोपहर 01 बजे से 5 बजे तक जारी है, जो आने वाली 25 जनवरी तक ऐसे ही अनवरत जारी रहेगा.