ETV Bharat / bharat

'BJP नेता के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा', चुनावी बॉन्ड केस में सुप्रीम कोर्ट का आदेश - ELECTORAL BONDS CASE

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड मामले में कर्नाटक भाजपा के नेता नलिन कुमार कतील के खिलाफ कोई विशेष आरोप और सबूत नहीं हैं.

no criminal proceedings against BJP leader Nalin Kumar Kateel SC in electoral bonds case
सुप्रीम कोर्ट - कर्नाटक भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नलिन कुमार कटील (File Photo)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 3, 2025, 7:58 PM IST

Updated : Feb 3, 2025, 9:32 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नलिन कुमार कटील को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े जबरन वसूली के मामले में बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने सोमवार को कटील के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा 3 दिसंबर, 2024 को पारित आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया. यह याचिका 'जनाधिकार संघर्ष परिषद' की ओर से आदर्श आर अय्यर द्वारा दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अय्यर की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि कोई विशेष आरोप नहीं हैं और साथ ही कोई विशेष सबूत भी मौजूद नहीं है. भूषण ने अदालत के समक्ष यह तर्क दिया कि इस योजना के तहत धन उगाही के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया गया.

भूषण ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जोरदार दलील दी और जोर देकर कहा कि आपराधिक मामले को इस तरह से नहीं दबाया जा सकता. ठोस सबूतों के अभाव की ओर इशारा करते हुए पीठ ने वकील से कहा कि वह किसी भी तरह की जांच की अनुमति नहीं देगी.

दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

ठोस सबूत मिलने पर एफआईआर की जा सकती
हालांकि, मामले में सुनवाई खत्म करते हुए पीठ ने कहा कि वह मौजूदा याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर ठोस सबूतों से समर्थन मिलता है तो भविष्य में कोई अन्य मामला या एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने चुनावी बॉन्ड से जुड़े जबरन वसूली के आरोपों के संबंध में कतील और अन्य के खिलाफ आपराधिक मुद्दे को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि शिकायत में कानूनी आधार का अभाव है और यह जबरन वसूली का प्रथम दृष्टया मामला भी स्थापित करने में विफल रही.

यह भी पढ़ें- राज्यपाल आरएन रवि को वापस बुलाने का निर्देश देने की मांग, SC ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नलिन कुमार कटील को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े जबरन वसूली के मामले में बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने सोमवार को कटील के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा 3 दिसंबर, 2024 को पारित आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया. यह याचिका 'जनाधिकार संघर्ष परिषद' की ओर से आदर्श आर अय्यर द्वारा दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अय्यर की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि कोई विशेष आरोप नहीं हैं और साथ ही कोई विशेष सबूत भी मौजूद नहीं है. भूषण ने अदालत के समक्ष यह तर्क दिया कि इस योजना के तहत धन उगाही के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया गया.

भूषण ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जोरदार दलील दी और जोर देकर कहा कि आपराधिक मामले को इस तरह से नहीं दबाया जा सकता. ठोस सबूतों के अभाव की ओर इशारा करते हुए पीठ ने वकील से कहा कि वह किसी भी तरह की जांच की अनुमति नहीं देगी.

दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

ठोस सबूत मिलने पर एफआईआर की जा सकती
हालांकि, मामले में सुनवाई खत्म करते हुए पीठ ने कहा कि वह मौजूदा याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर ठोस सबूतों से समर्थन मिलता है तो भविष्य में कोई अन्य मामला या एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने चुनावी बॉन्ड से जुड़े जबरन वसूली के आरोपों के संबंध में कतील और अन्य के खिलाफ आपराधिक मुद्दे को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि शिकायत में कानूनी आधार का अभाव है और यह जबरन वसूली का प्रथम दृष्टया मामला भी स्थापित करने में विफल रही.

यह भी पढ़ें- राज्यपाल आरएन रवि को वापस बुलाने का निर्देश देने की मांग, SC ने खारिज की याचिका

Last Updated : Feb 3, 2025, 9:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.