मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ा हाथियों का कुनबा, हथनी कृष्णकली ने दिया पहली बार बच्चे को जन्म - Elephant born Panna Tiger Reserve

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में हथिनी कृष्णकली ने 1 मई को एक मादा हाथी को जन्म दिया है. ये खबर सुनते ही पार्क अमले में खुशी की लहर है. रिजर्व क्षेत्र में कुल हाथियों की संख्या अब 18 हो गई है, जबकि बाघों की संख्या लगभग 75 से 80 के बीच है.

ELEPHANT BORN PANNA TIGER RESERVE
पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ा हाथियों का कुनबा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 2, 2024, 7:05 AM IST

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के तादाद तेजी से बढ़ने के साथ ही हाथियों का कुनबा भी लगातार बढ़ रहा है. यहां की हथिनी कृष्णकली ने 1 मई की सुबह लगभग 4 बजे एक मादा हाथी को राजाबरिया कैम्प में जन्म दिया है. पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य है. मादा हाथी के जन्म की खबर से पार्क अमले सहित वन्य प्रेमियों में खुशी की लहर है.

पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों की अच्छी खासी संख्या

आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ-साथ हाथियों की भी अच्छी संख्या है. अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि ''पीटीआर में 17-18 छोटे बड़े हाथी हो गए हैं. टाइगर रिलोकेशन प्रोग्राम में हाथियों का बड़ा योगदान होता है. इसलिए बड़ी खुशी की बात है कि हाथियों की संख्या में इजाफा हो रहा है." पन्ना टाइगर रिजर्व में नन्हें मेहमान को मिलाकर हाथी दल में कुल 18 सदस्य शामिल हो गए हैं, जबकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगभग 75 से 80 के बीच बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें:

पन्ना टाइगर रिजर्व गिद्धों की संख्या में एक बार फिर नंबर वन, इस बार भी संख्या में हुआ इजाफा

चमत्कारिक जल, जिसे पीने से दूर हो जाते हैं कई रोग, भीषण गर्मी के बावजूद गोमुख से बहती है धारा

पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथी दल सबसे अहम भूमिका निभाता है. पीटीआर में बाघ गश्ती दल इन्हीं पर सवार होकर सुरक्षित तरीके से बाघ ट्रैकिंग का काम करता है. पर्यटकों को भी सफारी के लिए हाथी का ही उपयोग किया जाता है. बता दें, पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने में हाथियों का बड़ा योगदान है, क्योंकि यदि किसी बाघ को ट्रेंकुलाइजर करना होता है तो हाथियों पर चढ़कर ही किया जाता है. यदि रिहायशी इलाके में बाघ आ जाते हैं तो उनको हाथियों के सहारे ही रेस्क्यू व जंगल की तरफ खदेड़ा जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details